ErrorException Message: WP_Translation_Controller::load_file(): Argument #2 ($textdomain) must be of type string, null given, called in /home/u271051433/domains/free-sex-story.in/public_html/wp-includes/l10n.php on line 838
https://free-sex-story.in/wp-content/plugins/dmca-badge/libraries/sidecar/classes/ Antarvasna Sex Story - बहन कि चूदाई देखी - 2      

बहन कि चूदाई देखी – 2

Read More Free Hindi Sex Story, Antarvasna Sex Story, Desi Story(अन्तर्वासना सेक्स सटोरी) On free-sex-story.in

फिर जब विक्रांत बाथरूम से वापस कमरे में आया तो नित्या उठकर अपने कपड़ो को ठीक करते हुए बैठ गई और अब नित्या भी उठकर बाथरूम में चली गयी और जब तक कि नित्या बाथरूम से वापस बाहर नहीं आई, तब तक विक्रांत अपने लंड को धीरे धीरे सहलाता रहा और जब नित्या बाथरूम से वापस कमरे में आई तो विक्रांत ने नित्या से अपने लंड को उसके हाथ में पकड़ते हुए उसको चूसने के लिए बोला। अब नित्या ने उसकी उस बात का बिल्कुल भी विरोध नहीं किया और में उसकी इस हरकत को देखकर बहुत चकित हुआ, क्योंकि उसने तो अब मुस्कुराते हुए अपने मुहं में विक्रांत के लंड को ले लिया और वो किसी अनुभवी रंडी की तरह लंड को अंदर बाहर करके उसके टोपे पर अपनी जीभ को घुमाकर चूसने लगी थी। अब विक्रांत ने नित्या के टॉप के भी हुक को एक एक करके खोल दिया और तब उसकी ब्रा के हुक को भी खोलकर उन दोनों को उतार दिया और नित्या ने उसके लंड को मुहं में लेकर चूसते हुए अपने कपड़ो को उतारने में उसकी मदद करने लगी थी।

फिर जब विक्रांत ने उसके पूरे कपड़े उतार दिए, तब तक वो भी पूरी तरह से गरम हो गया। अब उसने नित्या को बेड पर लेटने के लिए बोला और नित्या तुरंत बेड पर लेट गई, विक्रांत ने उसके लाछे को उतारकर अलग रख दिया। फिर मैंने जब उसकी चूत को देखा तो सोचा कि आज चुदाई का असली मज़ा आने वाला है, क्योंकि नित्या की चूत तो उसके लंड के लिए तो बिल्कुल ही छोटी थी। अब विक्रांत नित्या की जाँघ पर बैठ गया और अपने दोनों हाथों से उसकी चूत को फैलाते हुए कुछ देर तक देखता रहा। फिर मेरी बहन ने चकित होकर उससे पूछा क्या उसका इतना मोटा और लंबा लंड उसकी चूत में चला जाएगा? तो विक्रांत ने बोला कि हाँ बहुत आराम से चला जाएगा और अब विक्रांत ने नित्या से उसके दोनों पैरों को घुमाकर उल्टा करते हुए उससे उसकी दोनों जाँघो को फैलाते हुए वो अपने मुहं को नित्या की चूत के पास ले गया और अब वो नित्या की चूत को चाटने लगा।

अब नित्या ने अपनी आखों को बंद कर लिया और वो धीमी धीमी सांसे खींचते हुए आहें भरने लगी। फिर कुछ देर के बाद विक्रांत उठकर बैठ गया और वो नित्या की चूत पर अपने लंड को सटाते हुए नित्या को अपनी चूत को फैलाने के लिए कहने लगा और नित्या ने अपनी चूत को फैला दिया। फिर विक्रांत ने अपने लंड के टोपे को उसकी चूत के अंदर डाल दिया और एक ज़ोर के झटके के साथ अपने लंड को अंदर डालने के लिए उसने अपनी कमर को एक झटका मार दिया। अब नित्या ने ज़ोर से चीख मारी और वो अपने दोनों पैरों को कसते हुए नहीं, आईईईईईईई की आवाज़ के साथ पूरी तरह से कांप उठी। अब विक्रांत ने अपनी कमर को हिलाना शुरू कर दिया और नित्या के दोनों बूब्स को उसने अपनी हथेलियों में लेकर धीरे धीरे दबाना शुरू कर दिया और इसके साथ ही उसने अपनी कमर को हिलाना भी जारी रखा और इधर नित्या आहह्ह्ह्हह्ह ऊआहोहााआअ की आवाज़ निकालने लगी।

फिर कुछ देर के बाद जब विक्रांत ने अपनी कमर की स्पीड को कम किया और तब में समझ गया कि अब उसका लंड मेरी बहन नित्या के कुंवारेपन के दरवाजे पर दस्तक दे चुका था। अब विक्रांत ने अपने दोनों हाथों को नित्या के बूब्स के ऊपर से हटाकर उसकी कमर को पकड़कर ज़ोर से झटके के साथ लंड को दोबारा अंदर दे मारा, जिसकी वजह से नित्या का तो जैसे पूरा इंजन ही हिल गया। अब वो दर्द की वजह से बड़ी ही ज़ोर से चिल्ला उठी, आईईईईईईईईई आहह्ह्ह्ह अब बस करो, में मर जाउंगी प्लीज ऊऊईईईई। फिर मैंने देखा कि उसकी चूत के पास खून की कुछ बूंदे दिखाई दे रही थी, जिनको देखकर अब में तुरंत समझ गया था कि मेरी बहन अब एक लड़की से एक औरत बन चुकी है।

अब नित्या दर्द की वजह से आहहह्ह्ह आहहोह्ह्ह की आवाज़ के साथ मोन कर रही थी और इधर जब विक्रांत ने देखा कि उसकी सिसकियाँ अब कम नहीं हो रही है तो वो उसके ऊपर लेट गया और उसके होंठो को धीरे धीरे चूसने लगा और वो उसके दोनों बूब्स को मसलने लगा, जिसकी वजह से अब नित्या कुछ देर के बाद शांत होने लगी थी और कुछ देर के बाद नित्या ने विक्रांत से पूछा कि कितना बाहर है? तो उसने बताया कि और थोड़ा सा ही बाहर है और फिर अपने बचे हुए लंड को अंदर करने के लिए उसने ज़ोर से एक झटके के साथ अपनी कमर को हिला दिया। अब नित्या ओह्ह्ह्हह आहहऊआाहहो की आवाजे निकालने लगी और इस तरह से विक्रांत ने नित्या की चुदाई करीब आधे घंटे तक बहुत मज़े लेकर बहुत अच्छे तरीके से की और अब नित्या भी अपने दर्द को भुलाकर अब उसका साथ खुलकर देने लगी थी और अब वो दोनों खुलकर एक दूसरे को धक्के देकर मज़े देने और लेने लगे और उस समय वो दोनों पूरे जोश में नजर आ रहे थे।

अब नित्या भी विक्रांत के साथ साथ लगातार अपनी कमर को हिला रही थी और विक्रांत धक्के देने के साथ साथ नित्या के होंठो को बुरी तरह से चूस रहा था और अब नित्या भी उसका पूरा साथ दे रही थी। फिर कुछ देर के बाद वो दोनों शांत हो गये, तो मुझे यह पता चल गया कि अब मेरी बहन की चूत में विक्रांत का वीर्य जा चुका था और अब वो दोनों बिल्कुल निढाल एकदम शांत पड़े रहे। फिर कुछ देर बाद विक्रांत उठकर बैठते हुए अपने लंड को वो नित्या की चूत से बाहर निकालते हुए उसके ऊपर से हट गया। फिर जब मैंने नित्या की चूत को ध्यान से देख तो उसकी चूत इतनी जबर्दस्त लगातार चुदाई की वजह से पहले से बहुत ज्यादा सूज गई थी और अब विक्रांत उठकर बाथरूम में चला गया और बाथरूम से आने के बाद वो तैयार हुआ।

अब में उनका खेल खत्म होता हुआ देखकर अपनी जगह से हट गया और में उतरकर इधर उधर घूमने चला गया और कुछ देर के बाद मैंने विक्रांत को उसके रूम से जाते हुए देखा और में आधे घंटे के बाद अपने रूम पर आया। फिर मैंने देखा कि नित्या अब अपने पूरे कपड़ो को पहनकर चुपचाप सो रही थी, में उसको देखकर समझ चुका था कि वो उस चुदाई की वजह से ज्यादा थककर आराम कर रही है और मैंने उसको यह बात बताने की बिल्कुल भी जरुरत नहीं समझी कि मैंने उसका वो सब चुदाई का खेल खेलते हुए देख लिया है और मैंने उसको आराम करने दिया ।।
धन्यवाद

Read More Free Antarvasna Hindi Sex Story, Nonveg Sex Story, Desi Story(अन्तर्वासना हिन्दी सेक्स सटोरी) On free-sex-story.in
0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments