ErrorException Message: WP_Translation_Controller::load_file(): Argument #2 ($textdomain) must be of type string, null given, called in /home/u271051433/domains/free-sex-story.in/public_html/wp-includes/l10n.php on line 838
https://free-sex-story.in/wp-content/plugins/dmca-badge/libraries/sidecar/classes/ Aunty Sex Story - चाची की चुदाई कर डाली      

चाची की चुदाई कर डाली

Read More Free Hindi Sex Story, Aunty Sex Story, Antarvasna Sex Story On free-sex-story

मुझे सब लोग प्यार से नवीन कहते हैं

दोस्तो, जो सेक्स कहानी मैं आपको बताने जा रहा हूँ, ये मेरी पहली कहानी है. प्लीज़ आपको अच्छी लगी या नहीं … मुझे ज़रूर बताना ताकि मेरा हौसला बढ़ सके और मैं आपका आगे भी मनोरंजन कर सकूँ. मेरी हाइट 6 फीट 1 इंच की है. मैं खाते-पीते परिवार से हूँ तो बॉडी भी ठीक-ठाक है. मेरा लंड 7 इंच का है.

चाची का नाम कान्ता है, वो दिखने में एकदम कमाल की माल हैं. अच्छी से अच्छी एक्ट्रेस भी उनके सामने कुछ नहीं लगती हैं. चाची इतनी गोरी हैं, मानो दूध में एक चुटकी सिंदूर मिलाया गया हो. उनका बदन एकदम कसा हुआ है और फिगर 34-30-36 का है.

चाची कहीं से भी एक बच्चे की माँ नहीं लगती हैं. उन्हें देख कर मोहल्ले के क्या लौंडे … और क्या बुड्डे … सभी का लंड फनफनाने लगता है. मुझे भी चाची को देख कर चुदास चढ़ने लगती थी.
अभी मेरी चाची को पता नहीं था कि मैं उन पर लाइन मारता हूँ.

एक दिन की बात है, मेरे चाचा को कहीं काम से बाहर जाना पड़ा था. उनके घर पर कोई ना होने के कारण चाचा ने मुझसे पूछा- क्या तुम एक रात अपनी चाची के पास रह लोगे?
चाची के साथ रात रुकने की बात सुनकर मेरे अन्दर एकदम से ख़ुशी छा गई. चाची को लेकर तो मेरे अन्दर पहले से ही वासना भरी थी.

मैंने चाचा की बात सुनकर तुरंत हां करते हुए बोल दिया- ठीक है चाचा जी … मैं रुक जाऊंगा. आप घर की टेंशन मत लेना. अपना काम आराम से कर लेना.
चाचा जी मेरी बात से आश्वस्त हो गए और बाहर चले गए.

मेरा समय अब कटाए नहीं कट रहा था. मैं बड़ी बेसब्री से रात का इंतज़ार करने लगा. फिर आख़िर रात हो ही गई.

रात को मैं शॉवर लेकर उनके घर जाने के लिए निकला. मैंने रास्ते से दो कंडोम के पैकेट खरीदे. क्योंकि मैंने आज मन बना लिया था कि कुछ भी हो जाए, मौका नहीं जाने देना है.

जैसे ही मैं उनके घर पहुंचा और दरवाजे की घंटी दबाई. एक मिनट से भी कम समय में चाची ने दरवाजा खोल दिया और मुझे देख कर मुस्कुराते हुए बैठने को बोला.

मैं अन्दर आकर सोफे पर बैठा. तब तक चाची अन्दर रसोई से मेरे लिए पानी लेकर आ गईं.
मैंने पानी पिया और चाची की तरफ देखने लगा.

चाची ने मुझसे पूछा- कुछ लोगे?
मैंने उनके दूध देखते हुए मन में कहा कि हां आज तो सब लूंगा मेरी सपनों की रानी.
मगर सामने से मैंने ना बोला.

फिर उन्होंने कहा- तुम बैठो, मैं नहा कर आती हूँ.
गांड मटकाते हुए चाची नहाने चली गईं. मैं उनकी मटकती गांड को देख कर लंड सहलाने लगा.

कुछ देर बाद चाची नहा कर निकलीं … वे एक गाउन पहने थीं. चाची मुझे कमरे में आने की कह कर रसोई में चली गईं. मैं उनके कमरे में जाकर बैठ गया और तभी चाची कमरे में आ गईं. हम दोनों बातें करने लगे.

उन्होंने पूछा- नवीन और सुना … तेरी पढ़ाई कैसी चल रही है?
मैंने कहा- चाची, पढ़ाई ठीक ही चल रही है.
चाची ने अगला सवाल दागा- तेरी कोई जीएफ है क्या?
| Aunty Sex Story | Chachi Ki Chudai |
मैंने झेंपते हुए कहा- चाची आप भी … मेरी कोई जीएफ-वीएफ नहीं है.

वो हंस कर मेरी तरफ देखने लगीं. चाची ने नहाने के बाद जो नाइटी पहनी हुई थी … उसमें से साफ़ पता चल रहा था कि चाची ने अन्दर ब्रा नहीं पहनी है. पैंटी का कुछ मालूम नहीं पड़ रहा था.

मैं उनकी चुचियों की तरफ देखने लगा. चाची ने मुझे अपने मम्मों की तरफ देखते हुए देख लिया. तभी वो हल्के से मुस्कुरा दीं.
मैंने भी उनकी नजरों को भांप लिया और नजरें नीचे कर लीं.

चाची के मुस्कुराने का मतलब मुझे बहुत ज्यादा साफ़ समझ नहीं आया था. मगर तब भी मैंने चांस लिया. मैंने जानबूझ कर अपने लोअर से कंडोम का एक पैकेट गिरा दिया.

मैंने ऐसा रिएक्ट किया, जैसे मुझे कंडोम गिरने का कोई अहसास ही नहीं हुआ. वो कंडोम के पैकेट की तरफ थोड़ी देर तक देखती रहीं.
फिर चाची ने मुझसे सीधा सवाल पूछा- तेरी कोई जीएफ नहीं है … तो ये किसके लिए रख कर घूम रहे हो?

मैंने अचकचाते हुए कंडोम की तरफ देखा और चाची से बोला- ओह्ह … वो दोस्त के लिए लिया था, उसको देना था. उसने मना कर दिया, तो मैं इसे फेंकना भूल गया. इस वजह से इधर ही जेब में रखा रह गया. अभी न जाने कैसे जेब से गिर गया.

ये कहते हुए मैंने कंडोम का पैकेट उठाया और हाथ में ही लिए रहा.

चाची मेरे हाथों में पकड़ा हुआ कंडोम का पैकेट देखने लगीं. उन्होंने मुझसे कंडोम देखने के लिए मांगा- दिखाना जरा कौन सा फ्लेवर है?
मैंने चाची के हाथ में कंडोम का पैकेट दे दिया.

चाची बड़े ध्यान से कंडोम की डिब्बी पर लिखा हुआ पढ़ने लगीं. शायद वो फ्लेवर का नाम देख रही थीं. फिर कंडोम डॉटेड है या रिब्ड है, ये देखने लगीं.

तभी मैंने बोला- आप नाराज़ ना हों, तो क्या मैं एक बात बोलूं?
चाची ने मेरी तरफ देखे बिना ही कहा- हां बोलो.
मैंने कहा- आपको पसंद आ रहा हो, तो आप ही ये रख लो, आपके काम आ जाएंगे.

| Cheating Sex Story | Antarvasna Hindi Sex Stories |

मेरे ऐसा बोलते ही चाची को न जाने क्या हुआ और वो रोने लगीं.
मैंने अचकचा कर पूछा- अरे आपको क्या हुआ? आप रो क्यों रही हैं?

चाची ने सुबकते हुए अपना सारा दर्द मुझे बताना शुरू कर दिया. उनके अनुसार चाचा जी ने उनको चोदना छोड़ दिया था और वो अपनी शारीरिक प्यास न बुझ पाने के कारण परेशान थीं.

मैं ये बात सुनकर अन्दर ही अन्दर झूम उठा क्योंकि ये मेरे किये एक ग्रीन सिग्नल था.

चाची की आंखों से अब भी टसुए टपक रहे थे. मैं उनको शांत कराने के लिए उनके बगल में बैठ गया और उनकी पीठ पर हाथ फेरते हुए उनको शांत करने लगा.

मेरे हाथ लगाते ही चाची ने एकदम से मेरी तरफ अपना वजन डाल दिया और वो मुझसे चिपक गईं. मैंने उनको ठीक से अपनी बांहों में ले लिया और उनकी पीठ को सहलाने लगा.

इस समय मुझे चाची के मम्मे बड़े ही सुखद लग रहे थे. उनके चूचों का ठोसपन मुझे अपनी छाती में गड़ रहा था. चाची मेरे सीने में अपना सर छिपाए हुए हल्के हल्के से सुबक रही थीं. मैंने उनके चेहरे को अपने हाथों से सामने किया और उनको एक लिप किस कर दी.

चाची ने होंठों के चुम्बन से एकदम से हटते हुए मुझे दूर किया.
मैंने चाची की तरफ सवालिया नजरों से देखा.
चाची- नहीं … कुछ भी हो, मैं ये सब नहीं कर सकती.

पर आज इतना सुनहरा अवसर सामने था. मैं कहां मानने वाला था. मैंने दुबारा उनको अपनी तरफ खींचा और उनको चूमना चालू कर दिया. मैंने ज़ोर से किस किया और इसी के साथ में मैंने उनकी चूची को मसलना शुरू कर दिया.

चाची मुझे छूटने का प्रयास करने लगीं. मगर मैंने उन्हें नहीं छोड़ा.

इधर एक बात समझने वाली थी कि चाची मुझसे छूटने का प्रयास जरूर कर रही थीं, लेकिन वो चिल्ला नहीं रही थीं. जबकि किसी भी नारी को उसकी मर्जी के बिना टच करने पर सबसे पहला काम उसका चिल्लाना ही होता है.

मैंने एक मिनट तक चाची को अपनी बांहों में जकड़े रखा और उनकी चुम्मियां लेता रहा … दूध मसलता रहा. इससे चाची की छूटने की कोशिश कम होती चली गई और उनकी जिस्मानी कसमसाहट बढ़ने लगी.

ये देख कर मैंने उनको लेटा दिया और उनकी नाभि पर किस किया. मैं इस दौरान अपनी जीभ को उनकी नाभि के आस-पास फिराने लगा. इससे मैंने देखा कि चाची की सांसें तेज़ होती जा रही थीं. उनकी सांसों से गर्मी निकल रही थी और वो मादक सिसकारियां भरने लगी थीं. शायद चाची के मना करने का कारण सिर्फ नारी सुलभ लज्जा थी. वो खुद चुत चुदवाना चाहती थीं. मगर उनको किसी गैर मर्द से चुदवाने में डर लग रहा था.

अब मैंने उनको उल्टा करके उनकी गर्दन पर भी किस किया और पीछे चाची की गांड पर हाथ फेरने लगा. उनकी उंगलियों को मुँह में लेने लगा और उनके मम्मों को बेतहाशा दबाना चालू कर दिया.

अब चाची खुद मूड में आने लगी थीं और वो धीरे धीरे गर्म होने लगी थीं. चाची की गर्म सिसकारियां उम्म्ह… अहह… हय… याह… कमरे में भरने लगी थीं.

फिर मैंने चाची की नाइटी उतारी. उन्होंने केवल पैंटी पहनी हुई थी. मैंने उनके मम्मों को अपने हाथों में भरा और मसलना चालू कर दिया. चाची को बेहद मजा आने लगा था. वो कुछ बोल नहीं रही थीं … लेकिन अपने होंठ दबाते हुए मेरी हरकतों का पूरा मजा ले रही थीं और सीत्कार रही थीं.

मैं चाची के बड़े बड़े मम्मों को मुँह से चूसने को हुआ, तो उनके हल्के भूरे रंग के कड़क निप्पल मेरे सामने थे. चाची के चूचुकों को देखते ही मेरा लंड डंडे के माफिक खड़ा हो गया.

आह मेरी सेक्सी चाची क्या कमाल की आइटम लग रही थीं. उनका वो गोरा बदन और उस पर लाइट ब्राउन निप्पल एकदम मस्त लग रहे थे.

कुछ देर दूध चूसने के बाद मैंने उनकी पैंटी निकाल दी. मैंने जैसे ही चाची की पैंटी निकाली, उनकी मेरे सामने आ गयी.

मैंने चाची से पूछा- झांटें साफ़ क्यों नहीं रखतीं आप?
वो पहली बार बोलीं- तुम्हारे चाचा को ऐसी ही पसंद हैं.

मैंने पूछा- लेकिन आप तो कह रही थीं कि चाचा अब आपको नहीं चोदते हैं?
वो बोलीं- मैंने गलत कह दिया था. दरअसल वो मुझे चोद ही नहीं पाते हैं. बस कुछ देर मेरे शरीर के साथ खेल कर झड़ जाते हैं. उनको मेरी झांटें देख कर बड़ा सेक्स चढ़ता है.

मैं बोला- चाची मुझको क्लीन पिच पसंद है.
चाची पिच शब्द सुनकर हंस दीं और बोली- तो फिर तुम ही इसे साफ़ कर दो.
मैंने कहा- मैं तो अभी कर दूंगा, पर चाचा आकर देखेंगे, तो उनसे क्या कहोगी?
चाची बोलीं- वो सब मैं देख लूंगी. तुम चुत साफ़ कर दो.

अब हम दोनों बाथरूम में आ गए. मैंने चाचा की शेविंग किट से रेज़र लिया और ब्लेड बदल कर चाची की चूत पर फोम लगा कर उनकी चुत साफ़ करने लगा.

चाची अपनी चुत को पूरा खोल कर फर्श पर चित पड़ी थीं. मुझे इस समय चाची की चुत साफ़ करते समय बड़ी उत्तेजना हो रही थी. ऊपर से चाची भी गर्म थीं सो वे मेरे लंड को बार बार टच कर रही थीं.

मैं बड़ी मुश्किल में चाची की चूत साफ़ कर पाया. कुछ देर बाद मेरे सामने चाची की मस्त गुलाबी चुत एकदम सफाचट हो गई थी.

मैंने चाची को चूमते हुए कहा- आप खुद देखो चाची … कितनी सुन्दर चुत है … अब से आप इसे क्लीन ही रखना.

चाची ने उठते हुए अपनी चिकनी चुत को देखा और मुस्कुराते हुए मुझे चूम लिया.

मैं भी उनके मम्मों को ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा.

कुछ देर बाद मैंने कहा- चलो अब कमरे में चलते हैं.
चाची बोलीं- नहीं अभी एक बार शॉवर ले लेते हैं … फिर कमरे में चलेंगे.

मैंने ओके कहते हुए अपनी पैन्ट निकाली और नंगा हो गया.
वो मेरे लंड को देख कर हैरान हो गईं. चाची लंड सहलाते हुए बोलीं- इतना बड़ा तो तुम्हारे चाचा का भी नहीं है.

मैंने फव्वारा चला दिया और हम दोनों पानी में गीले होने लगे. इस वक्त चाची मेरी बांहों में चिपकी हुई थीं और वो अपने हाथ से मेरे लंड को सहला रही थीं. मैं उनके मुँह में जीभ डाल कर उनको चूस चूम रहा था.

मैंने चुम्बन रोकते हुए चाची से लंड को मुँह में लेने को बोला, पर वो मना करने लगीं.

मेरे बहुत बोलने के बाद वो लंड चूसने के लिए मान गईं और नीचे फर्श पर घुटने बल बैठ गईं. उनके होंठों का स्पर्श मुझे अपने लंड पर मिलते ही मानो मुझे जैसे जन्नत मिल गयी हो … ऐसा लगा.

चाची कुछ ही पलों में फव्वारे से गिरती बूंदों में मेरे लंड को ज़ोर ज़ोर से चूसने लगीं.

मैंने उनको जमीन पर लिटाया और खुद भी 69 में लेट गया. अब मैंने उनकी चुत को चाटना चालू कर दिया था. वो भी चुत की आग से तड़पने लगी थीं. उनका मन मेरे लंड को चुत में लेने के लिए मचलने लगा था.

चाची बोली- अब रहा नहीं जाता … जल्दी से अन्दर डाल दो … मुझे अब रहा नहीं जा रहा है.
पर मैं इतनी जल्दी कहां मानने वाला था. मैंने उन्हें और तड़पाना जारी रखा.

कोई दो मिनट बाद जब उनसे नहीं रहा गया, तो वो फिर से कहने लगीं.

उनके बहुत ज़ोर देने पर मैंने उन्हें कमरे में चलने का कहा और हम दोनों कमरे में आ गए. इधर बिस्तर पर चाची को लिटा आकर मैंने लंड पर कंडोम चढ़ा कर चुदाई की पोजीशन बनाई और उनकी चुत के दाने पर लंड रगड़ना चालू कर दिया.

चाची ने नीचे से अपनी गांड उठा कर लंड लेने की व्याकुलता दिखाई, तो मैंने चाची की चुत के छेद पर लंड फंसा कर एक ज़ोर का धक्का दे दिया.

एकदम से लंड घुसने से चाची की चीख निकल गयी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’

इधर मैं भी नहीं रुका, मैंने दूसरा धक्का दे दिया. इस बार मेरा पूरा लंड उनकी चुत में अन्दर तक घुसता चला गया.

वो दो पल के दर्द के बाद बड़े मजे लेने लगीं- अहह उहह … और ज़ोर से और जोर से!

चाची यही सब बोलते हुए मेरे में जोश भरती रहीं और पूरा कमरा उनकी चुत चुदाई की ‘फ़च फ़च..’ की आवाज़ से भर गया.

वो लगातार गांड उठाते हुए मेरा हौसला बढ़ाती रहीं और ज़ोर ज़ोर से मादक सिसकारियां लेने लगीं- आह उहह म्म्म्मीम और जोर से … मेरे भतीजे और ज़ोर से … आह चोद ले अपनी चाची को … तेरे लंड जैसा दम नहीं है तेरे चाचा के लंड में … आह … मजा आ गया.

मैं भी चाची को गाली देते हुए चोदने में लगा था- ले मेरी जान चाची … साली न जाने कबसे मेरे लंड में तेरी चुत का भोसड़ा बनाने की तमन्ना थी … आह … ले.

चाची भी कहने में लगी थीं- आह पेल दे … मेरी चुत ने ऐसा लंड पहली बार चखा है … आह ऐसे लंड का टेस्ट बड़ा मस्त है … आह साले आज फाड़ डाल अपनी चाची की चुत को.
वो मेरे में जितना ज्यादा जोश भर रही थीं, मैं उतनी ही तेज़ी से उनकी चुदाई कर रहा था.

वो बोलीं- काश तुम्हारे चाचा के बदले मैंने तुमसे शादी की होती, तो ऐसी चुदाई मुझे हमेशा मिलती रहती.
मैंने कहा- अब से आप मेरी वाइफ हो गई हो … जब चुदवाने का मन हो, बुला लेना. ये लंड हमेशा आपकी चुत के लिए खड़ा रहेगा.
उन्होंने भी कहा- मेरी ये चुत भी हमेशा तेरे लंड के लिए बेताब रहेगी.

मैं पूरे जोश में चाची की चुत को चोदता रहा. चुत चुदाई के साथ मैंने उनकी मम्मों को भी बहुत ज़ोर ज़ोर से चूसना और दबाना जारी रखा था.

वो बड़े मज़े से चूत चुदवा रही थीं और ज़ोर ज़ोर से अंट-शंट बकते हुए सिसकारियां भर रही थीं.

मैंने भी अपनी लाइफ में आज पहली बार चुत चोदी थी … और वो भी मेरी सेक्सी चाची की चुत चुदाई कर रहा था. उनकी चुदाई से मुझे एकदम मज़ा आ गया था. क्या कमाल की चुत थी.

चुत चुदाई के बाद मैंने चाची की गांड मारने के लिए भी बोला, पर उन्होंने मना कर दिया- मैं गांड नहीं मरवाती हूँ … मुझको दर्द होता है.

मेरे बहुत ज़ोर देने पर भी जब वो नहीं मानी, तो मैंने सोचा जाने दो … आज पहली बार ही तो है … दूसरी बार कैसे भी करके चाची की गांड भी मार लूँगा.

उस रात मैंने चाची को 3 बार चोदा. वो पहली बार तो कंडोम से चुदी थीं. मगर अगली दो बार वो बिना कंडोम के चुदीं और माल झड़ने के समय मेरे लंड का सारा माल पी गईं.

चुदाई के बाद हम दोनों साथ में नंगे सो गए. जब सुबह उठ कर देखा, तो मेरी सेक्सी चाची के चेहरे पर एक विजयी मुस्कान थी.

उस चुदाई के बाद से में मेरा जब भी मन होता या उनका मन होता, तो वो मुझे फोन करके बुला लेतीं. ऐसा अक्सर जब ही होता था, जब चाचा घर पर नहीं होते थे, कहीं काम से गए होते थे.

मैं भी उनके घर जाकर उनके मम्मों के और चुत चुदाई के मज़े ले लेता हूँ.

एक बार मैंने उनसे कहा- आप दूसरा बच्चा पैदा कर लो … मुझको आपका दूध पीना है.
ये सुनकर वो हंसने लगीं.

मैं बोला- काश मैं आपको पहले चोद देता, जब आपका बेबी छोटा था. मैं भी उसके साथ साथ आपका दूध टेस्ट कर लेता.
वो फिर से हंसने लगीं.

मगर चाची की हाँ न होने से मुझको ऐसा लग रहा था कि मुझे ही उनके दूसरे बच्चे का कुछ इंतजाम करना पड़ेगा.

दोस्तो, यह मेरी पहली सेक्स कहानी है जिसमें मैंने अपनी सेक्सी चाची को चोदा, प्लीज़ अपने रिव्यू ज़रूर देना कि कैसी लगी. मैं आगे लिखूंगा कि कैसे अपनी चाची की गांड भी मार ली, वो सेक्स कहानी भी मैं ही जल्दी लेकर आऊंगा.

Read More Free Antarvasna Hindi Sex Story, Indian Sex Stories, xxx story On free-sex-story
3 1 vote
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments