बहन कि चूदाई देखी – 1

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हैल्लो दोस्तों, आज में आप को अपनी एक ऐसी सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूँ, जिसको पढ़कर आप लोगों को पता चल जाएगा कि एक भोलीभाली सूरत के पीछे वास्तव में कैसा चेहरा भी छुपा हो सकता है? दोस्तों में भी आप सभी की तरह अब तक बहुत सारी सेक्सी कहानियों के मज़े ले चुका हूँ, लेकिन में आज पहली बार अपनी कहानी को लिखकर यहाँ लाया हूँ, इसमें मुझसे कोई गलती हो गई हो तो आप मुझे माफ़ भी जरुर करना। दोस्तों आज में आप सभी को अपनी छोटी बहन की उसके प्रेमी के साथ किए गये सेक्स की कहानी सुनाने जा रहा हूँ, जिसको देखकर में कुछ देर अपनी आखों पर विश्वास करना भूल गया और में एकदम चकित हुआ और मुझे पता नहीं था कि वो मेरी पीठ पीछे ऐसा भी कुछ कर सकती है।

दोस्तों इससे पहले कि में अपनी उस कहानी को शुरू करूं, उससे पहले में उन दोनों का परिचय आप सभी से करा देता हूँ। दोस्तों मेरी बहन जिसका नाम नित्या है और वो एकदम गोरी सुंदर और मासूम चेहरे वाली लड़की है, जिसकी उम्र बीस साल है, उसकी लम्बाई पाँच फिट पाँच इंच है, वो मुंबई में मेरे ही साथ में रहती है और नित्या अभी एक कॉलेज में मेडिकल के लिए तैयारी कर रही है, जहाँ पर उसको एक लड़के से प्यार हो गया, जिसका नाम विक्रांत है।

दोस्तों वो एक हल्का सांवला, लेकिन वो ज्यादा सुंदर नहीं है। उसकी लम्बाई पाँच फिट सात इंच है। अब में आपको उस दिन की कहानी की तरफ ले चलता हूँ। दोस्तों उस दिन मुझे अपने किसी काम से पास के शहर में पूरे दिन के लिए अपने एक दोस्त के साथ जाना था। फिर मैंने इसके बारे में रात को ही अपनी बहन को बता दिया था और फिर में सुबह तैयार होकर में अपने काम से जाने लगा तो नित्या ने मुझसे पूछा कि में कब तक आ जाऊंगा? तो मैंने उसको सब बता दिया कि में रात के आठ बजे से पहले नहीं आऊंगा और हो सकता है कि में लेट भी हो जाऊं।

फिर नित्या मुझसे कहने लगी कि आज उसको भी कोचिंग में थोड़ी सी देरी हो जाएगी और इसलिए नित्या भी कमरे पर लेट आएगी और अब में भी अपने काम से निकल गया, लेकिन जिस लड़के के साथ मुझे जाना था, में जब उसके रूम पर गया तो मैंने देखा कि वो अपने रूम पर नहीं था, इसके चलते मुझे वापस अपने रूम पर आना पड़ा। फिर जब में अपने रूम पर पहुंचा तो मैंने देखा कि मेरे रूम का दरवाजा बाहर से बंद था, तो में समझ गया कि मेरी बहन उसके कॉलेज या कोचिंग गई होगी और फिर में जैसे ही यह बात सोचकर सीड़ियाँ उतारकर वापस जाने लगा। तभी मुझे दरवाजे के अंदर से कुछ आवाज़ सुनाई देने लगी और मुझे कुछ शक हुआ। तब मैंने सोचा कि शायद अंदर कोई है। फिर में धीरे धीरे अपने रूम की सीड़ियों पर दोबारा चढ़ गया और अब में रोशनदान के पास पहुंच गया, जहाँ से में बड़े आराम से सब कुछ देख सकता था।

फिर मैंने जब उस छोटी सी खिड़की से अंदर झांककर देखा तो मैंने पाया कि मेरी बहन नित्या उस समय रूम में ही थी और वो बेड पर बैठी हुई थी। उसके एक मिनट के बाद विक्रांत भी दूसरे रूम से निकलकर उसी कमरे में आ गया। दोस्तों जब मैंने उसको देखा तो मुझे ऐसा लगा कि जैसे वो अभी कुछ देर पहले ही आया था और उसने बेड पर बैठकर अपने जूतों को उतारा। इसके बाद टावल लेकर अपनी पेंट को भी उतारकर टावल को लपेटते हुए वो दोबारा बैठ गया। अब वो दोनों कुछ देर तक हंस हंसकर बातें करते रहे और इसके बाद मैंने देखा कि विक्रांत ने नित्या के बूब्स पर अपना एक हाथ रखा और मुस्कुराते हुए उसको दबाया तो नित्या ने उसके हाथ को एक झटका देकर हटा दिया। अब विक्रांत ने दोबारा उसके बूब्स पर हाथ रख दिया, तो नित्या ने उसको कुछ भी जबाब नहीं दिया। फिर कुछ देर तक विक्रांत नित्या के बूब्स को ऐसे ही दबाता रहा और अब उसने नित्या को बेड पर लेटा दिया। नित्या उसकी तरफ अपनी पीठ को करके लेट गयी।

अब विक्रांत ने नित्या के लाछा जो लूँगी की तरह पहना जाता है, उसको उठा दिया और उसको उसने नित्या के कमर के ऊपर कर दिया। फिर नित्या के पीछे लेटकर विक्रांत ने अपने लंड को भी बाहर निकालकर नित्या की गोरी गांड पर सटाकर उसको अंदर डालने के लिए दो तीन बार झटका मार दिया, लेकिन अपने लंड को नित्या की गांड में ना जाते हुए देखकर उसने नित्या से तेल के बारे में पूछा और तब नित्या ने उसको बेड के पास की अलमारी की तरफ इशारा करके बताया। फिर विक्रांत उठकर जब तेल के डब्बे को लेने के लिए गया। तब मैंने नित्या की गांड को ध्यान से देखा। दोस्तों उसकी गांड विक्रांत के लंड को अपने अंदर लेने के लिए जैसे पूरी तरह से तैयार नजर आ रही थी। अब विक्रांत तेल लेकर वापस बेड पर आ गया। तब मैंने उसके लंड को देखा और उसका लंड करीब सात इंच का था।

दोस्तों मेरी बहन की गांड उसके लंड के लिए अभी छोटी थी और अब विक्रांत ने नित्या की गांड पर तेल लगा दिया। उसके बाद अपने लंड पर भी तेल लगाया। अब वो नित्या के पीछे लेट गया और अपने लंड को जैसे ही नित्या की गांड में सटाया, तो मैंने देखा कि नित्या ने अपनी गांड को फैलाते हुए उसको अपने अंदर करने के लिए बोला। अब विक्रांत ने अपने लंड को नित्या की गांड में एक ज़ोर के झटके के साथ अंदर कर दिया और नित्या ने ज़ोर से आह भरी। अब में तुरंत समझ गया कि अब उसकी गांड में विक्रांत का लंड चला गया है, इसलिए वो दर्द से चीखने लगी थी और अब विक्रांत ने उसकी गांड में अपने लंड को अंदर करने के लिए अपनी कमर को हिलाना शुरू कर दिया था। अब नित्या उसके हर एक झटके का जवाब अपने धक्को के साथ देने लगी, जिसकी वजह से विक्रांत का हौसला और भी ज्यादा बढ़ रहा था और कुछ देर के बाद मैंने देखा कि नित्या अपनी कमर को आगे की तरफ खींचने लगी।

फिर विक्रांत ने उसकी कमर को पकड़ लिया और वो ज़ोर ज़ोर से अपनी कमर को हिलाने लगा। फिर नित्या बोली आहहहह्ह्ह्ह आईईईईईइ प्लीज बाहर निकाल दो ऊआाहहहहा अब बस करो। तभी विक्रांत नित्या को पटककर नित्या के ऊपर चढ़ गया और ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर लंड को डालने लगा, जिसकी वजह से अब मेरी बहन ज़ोर ज़ोर से ओहहहहह न्न्नीईईई ऊउईईईईइ के साथ सिसकियाँ लेने लगी और इस तरह से दोनों का यह चुदाई का दौर करीब पंद्रह मिनट तक चला और तब जाकर दोनों शांत हो गये। शायद वो दोनों अब तक झड़ चुके थे, इसलिए वो इतना शांत पड़े थे। फिर कुछ देर तक विक्रांत वैसे ही नित्या के ऊपर लेटा रहा। अब उसने उठकर अपने लंड को नित्या की गांड से बाहर निकालकर वो उसके ऊपर से हट गया और फिर वो सीधा बाथरूम में चला गया, लेकिन नित्या अब भी चुपचाप वैसे ही बेड पर पड़ी रही।

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