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तेल मालिश और चूदाई

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दोस्तो, मेरा नाम प्रेम है, मेरी उम्र 25 साल है।

तो आइए अब कहानी की तरफ जाते हैं। यह मेरी सच्ची कहानी है जो आप के सामने लाने की कोशिश कर रहा हूँ।

बात उन दिनों की है जब मैं अपने मामा के घर गया था, सर्दियों का मौसम था, मेरी मामी के आयु लगभग 35साल की होगी, बहुत मस्त मोटे मोटे चूचे, मोटे मोटे चूतड़, जो देखे वही दीवाना हो जाए। इस तरह की आकृति थी मेरी मामी के बदन की !

बहुत गजब की थी वो !

वैसे उन्हें चोदने का मेरा मन बहुत दिनों से कर रहा था, पर डरता था कि कहीं वो खफ़ा ना हो जाएँ !

फिर एक दिन बातों बातों में उनके चचेरे देवर से मामी की बात हो रही थी। वो मेरे दोस्त जैसे ही हैं और हम मामी की बात करने लगे।

उन्होंने मुझे कहा- यार तेरी मामी तुझे अपनी चूत दे देगी, कोई बड़ी बात नहीं ! क्योंकि मैंने खुद उसकी चूत ली है, मुझे मालूम है कि वो किस तरह की है। तू चिंता मत कर और जाकर बात कर !

और मुझे एक आईडिया दिया।

मैं शाम को सात बजे उनके कमरे में गया तो उन्होंने कहा- आओ प्रेम, बैठो ! क्या बात है, जब से आये हो, तबसे मुझसे कम बात कर रहे हो? उन्होंने मजाक में कहा।

मैंने कहा- कुछ नहीं ! ऐसी बात नहीं !

मैं उनके पलंग पर बैठ गया और मैंने मामी को कहा- मामी जी, मेरे पैरों में बहुत दर्द हो रहा है !

तो मामी में झट से कहा- लाओ, मैं तेल से मालिश कर देती हूँ।

मैं तो यही चाहता था, मैंने अपना पजामा ऊपर कर लिया, लेकिन पजामा पहने हुए तेल लगाने में दिक्कत हो रही थी।

मामी ने कहा- पजामा उतार दो और अच्छी तरह से तेल लगवा लो !

मैंने पजामा खोल दिया, मैं अब केवल अंडरवीयर और बनियान में था, मेरा लण्ड तो पहले हो खड़ा हो चुका था उनके हाथ लगते ही !

मैंने अपने खड़े लण्ड को बनियान से छुपा लिया और बैठ गया उनके पास !

वो मेरे लण्ड को बहुत प्यासी निगाहों से देख रही थी।

मामी पैरों में तेल लगा रही तो तो मैंने धीरे-धीरे उनकी चूचियों पर अपनी कोहनी हल्के से छुआई। वो कुछ नहीं बोली।

फिर मैंने धीरे से अपना एक हाथ उनके चूचियो पर रख दिया तो भी वो कुछ नहीं बोल रही थी, बस इधर-उधर की बातें कर रही थी।

उनके विरोध न करने से मैं अब उनकी चूचियों को हाथ में लेकर धीरे-धीरे दबाने लगा, वो कुछ नहीं बोली, उन्हें भी मजा आने लगा और वो बोली- चलो आज यहीं सो जाओ ! अँधेरा बहुत हो गया है।

मैंने कहा- ठीक है।

मामी ने अपनी साड़ी उतार दी और ब्लाउज को भी ढीला कर दिया।

मैंने पूछा- मामी यह क्यों?

तो मामी ने कहा- बेटा, मैं ऐसा ही सोती हूँ !

फिर तो मामी मेरे पास आकर लेट गई और मैं फिर से उनकी चूचियों को दबाने लगा। मैंने उनका ब्लाउज खोल दिया और चूचियों को मुँह में लेकर चूसने लगा। उन्हें बहुत मजा आ रहा था और जोर जोर से चूचियों को चुसवा रही थी, जोर-२ से मेरे मुँह को अपने वक्ष पर दबा रही थी। मुझे भी बहुत मजा आ रहा था, मैंने उनका पेटीकोट भी ऊपर कर दिया उन्होंने मेरा लण्ड पकड़ लिया और जोर-जोर से दबाने लगी। मुझे बहुत मजा आ रहा था, मैं मामी के चेहरे को अपने लण्ड के पास ले गया, मामी ने झट से मेरे लण्ड अपने मुँह में ले लिया और जोर-जोर से चूसने लगी।

मामी ने मेरा लण्ड पाँच मिनट तक चूसा। इस बीच मैं मामी की चूचियाँ लगातार दबा रहा था।

फिर मामी ने मुझसे कहा- प्रेम, अब तुम मेरी बूर चाटो !

मैंने मामी को मना कर दिया पर उन्होंने एक बार फिर कहा तो मैंने उनकी चूत चाटनी शुरु कर दी।

क्या गजब की सुगंध थी उनकी बुर में ! उससे लगातार पानी जैसा कुछ गिर रहा था, बहुत नमकीन था।

मैं उनके दाने को जीभ से चाट रहा था, कभी उनकी चूत में पूरी की पूरी जीभ डाल देता। उनको बहुत मजा आ रहा था।

फिर उन्होंने मेरे लण्ड को पकड़ कर कहा- प्रेम, अब मत तड़पा ! जल्दी से घुसा दे अपना मोटा सा लण्ड मेरी चूत में ! अब बर्दाश्त नहीं होता ! हयीईईईईई जल्दी कर ना !

मामी अपनी बुर खोल कर मेरे सामने लेट गई और मेरे लण्ड पकड़ कर घुसाने लगी।

मैंने थोड़ा और मामी को तड़पाना चाहा, मैं अपना लण्ड बुर के आस पास घुमाने लगा। कभी थोड़ा अंदर करूँ तो कभी थोड़ा इधर उधर !

मामी तड़प रही थी, उन्होंने मेरे लण्ड को पकड़ कर सीधे बूर के द्वार पर रख दिया। अब मैं भी रुक ना सका और जोर से मामी की बुर में अपना मोटा लण्ड घुसा दिया।

मामी थोड़ा चीखी पर शांत हो गई। अब मेरा लण्ड मामी की बुर में फ़िट हो गया था और मैं जोर जोर से धक्के मार रहा था।

उधर मामी कह रही थी- ऊ ऊ ऊ आयीईईए सीई ईइ उफ़ उफ़ उफ़ हाय मजा आ रहा है !

मामी को चुदाई में खूब मज़ा आ रहा था और बड़बड़ाए जा रही थी- उईई उफ़ उफ़ हयीईए जोर से प्रेम ! जोर से ! बहुत मजा आ रहा है ! अब तक तू कहाँ था ! कितने दिनों से प्यासी थी ! तेरे मामा तो साल में एक बार घर आते हैं नौकरी से और मैं हमेशा प्यासी रहती हूँ ! ऊऊ ऊई ईए हयी ईईए ऊउ हहहह सी ई ई और जोर से ! और जोर से !

और वो भी अपनी गांड उठा उठा कर मेरे लण्ड को अपनी बुर में ले रही थी, सिसकारियाँ ले लेकर चुदवा रही थी वो !

हाय प्रेम ! अब उन्होंने मुझे कहा- प्रेम तू लेट जा ! मैं तेरे ऊपर होकर चुदुंगी।

फिर वो मेरे ऊपर आ गई और अपनी फ़ुद्दी में मेरा लण्ड लेकर जोर जोर से झटके मारने लगी। मैं भी नीचे से अपनी कमर उठा उठा कर उन्हें चोद रहा था। बहुत मजा आ रहा था।

अचानक मामी के बदन में ऐंठन होने लगी, वो झट से मेरे ऊपर से उतर गई और मुझसे कहा- चल अब तू मुझे चोद जोर जोर से ! अब मेरा माल निकलने वाला है ! मुझे लेट कर माल निकलवाने में मजा आता है ! जोर जोर से चोद मेरे राजा ! जोर जोर से !

मैं उन्हें जोर जोर से चोद रहा था, सच में मैं स्वर्ग में था ! खूब मजा आ रहा था।

फिर मामी जोर जोर से नीचे से अपनी गांड हिलाने गली और मुझे जोर से पकड़ कर दबाने लगी, बोली- प्रेम, मैं अब झड़ने वाली हूँ। उए उई सी सी हाय हाय हायहाय हाय सीसी करती हुए मामी झड़ने लगी।

अब मेरा भी बुरा हाल हो रहा था, मैं भी अब झड़ने वाला था, मैंने मामी को कहा- मामी, मैं भी झड़ने वाला हूँ !

तो मामी ने कहा- मेरी फ़ुद्दी में ही झड़ जा !

मैं जोर जोर से धक्के देने लगा और जोर से मामी को पकड़ लिया जोर लगा कर झड़ गया- हयी ईईईईए सीईईईई मामी आई लव यू !

और उनके ऊपर ही लेट गया। कुछ देर तक लेटने का बाद मामी और मैं बाथरूम गए, वहाँ से फ्रेश होकर आए और सो गए।

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