अजनबी से लडं की सील तूङवाई

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हैलो दोस्तो, मैं सुरेन्द्र, मैं 25 साल का हूँ यह मेरी पहली कहानी है, बात कुछ दिनों पहले की है.. मुझे एक अंजान नंबर से कॉल आया.. वो भी रात को 2.15 के करीब.. तब मैं नींद में था।

सुबह देखा तो मैंने तुरंत कॉल बैक किया.. कुछ ही देर में उधर से आवाज़ आई- हैलो..

मैं- हैलो.. हू इस दिस?

उधर से एक मीठी सी आवाज़ सुनाई दी- कैन आई टॉक विद भावना?

मैं- हू ईज़ भावना? आई डोंट नो.. तुम कौन हो और कोई भावना यहाँ नहीं है।

उसके बाद मैंने फोन काट दिया.. कुछ देर बाद फिर से उसकी कॉल आई।

मैं- हैलो.. आप क्यों बार-बार मुझे परेशान करती हो? आप कौन हो?

‘मैं विनी बोल रही हूँ।’

मैं- क्या काम है.. बोलो?

विनी- आप गुस्सा क्यूँ होते हो? मुझसे बात तो करो..

मैं- बोलो..

विनी- आप क्या करते हो?

मैं– कुछ नहीं.. क्या आपके लिए कुछ कर सकता हूँ?

विनी- कुछ नहीं.. बहुत कुछ… कर सकते हो।

मैं झुंझला गया- ठीक है.. अब फोन रखो।

मैंने फोन काट दिया..

फिर एक दिन बाद उसका मैसेज आया: ‘आप बहुत सेक्सी हो..’

मैंने तुरंत रिप्लाई किया: ‘तुमको कैसे पता कि मैं सेक्सी हूँ?’

‘तुम्हारे बात करने का तरीका बहुत अच्छा है।’

मैं- तुमको क्या चाहिए विनी?

विनी- मुझे तुम चाहिए सिर्फ एक दिन के लिए..

मैं– ठीक है.. तुम अपने बारे में कुछ बताओ..

विनी- मैं 20 साल की हूँ और दिल्ली में एक कॉलेज में पढ़ती हूँ।

मेरा भेजा सटक गया.. मैंने उससे बिंदास पूछ लिया- ओके.. तुमको क्या चुदाई चाहिए?
मुझे हैरत हुई.. जब उसने भी बिंदास जबाव दिया।

विनी- यू आर राइट।

मैं- ठीक है.. कैसे चुदेगी?

‘लौड़े से..’

अब मुझे कुछ मजा सा आने लगा तो मैंने उससे बात करनी जारी रखी।

उसके बाद हमारे बीच रोज बात चलती रही.. बात-बात में हम लोग सेक्स की बात भी करते थे।

उसने मुझसे पूछा- तुम दिल्ली आ सकते हो?

मैंने कहा- हाँ मैं दिल्ली आता रहता हूँ और शायद अगले हफ्ते मुझे दिल्ली आना भी है।

वो बोली- ठीक है मुझे आ कर फोन करना।

मैं दिल्ली पहुँच गया और फुर्सत मिलते ही मैंने उसे फोन किया।

उसने फोन पर बताया कि मेरे मम्मी और पापा दोनों आज एक दिन के लिए बाहर जा रहे हैं।

मैंने पूछा- किधर जा रहे हैं?

उसने बताया- मेरी मामी के घर और कल दोपहर तक आएँगे।

मैंने पूछा- मैं तुम्हारे घर कब तक आऊँगा..

उसने बोला- तुम आज मेरे घर में ही लंच करना और एक दिन मेरे घर रुक जाना.. कल दोपहर को जाना..

मैंने ‘ओके’ बोल कर फोन काट दिया। थोड़ी देर के बाद मैं तैयार होकर विनी के घर चला गया और रास्ते में से 2 कन्डोम का पैकेट ले लिया।

उससे पहले मैंने कभी विनी को देखा तक भी नहीं था, उसे पहली बार देखूँगा और चोदूंगा भी!

उसके कहने के मुताबिक उसके घर पहुँच कर मैंने घंटी बजाई।

थोड़ी देर के बाद दरवाजा खुला और एक सुपर सेक्सी.. हॉट.. गोरी-चिकनी पटाखा टाइप की लौंडिया मेरे सामने खड़ी थी.. मैं उसे देखते ही परेशान हो गया और मन में सोचा इतनी सुंदर लड़की से मैं फोन पर बात करने को मना कर रहा था।

उसने मुझसे पूछा- क्या तुम ही सुरेन्द्र हो?

मैंने कहा- हाँ.. और क्या तुम ही विनी हो?

‘यस डार्लिंग.. अन्दर आओ।’

जैसे ही मैं अन्दर गया.. घर देखता ही रह गया.. वो बहुत ही सुंदर घर था।

हम लोग थोड़ी देर बात करते रहे और इसी बीच उसने चाय बना ली हम दोनों ने बात करते-करते चाय भी पी।

फिर उसने मुझसे पूछा- सुरेन्द्र.. मैं कैसी लग रही हूँ?

मेरे मुँह से निकला- क्या मस्त सेक्सी लग रही हो यार..

वो लाल रंग के टॉप और एक नीले रंग की चुस्त जीन्स में.. पूरा पटाखा माल लग रही थी। मैंने उसको उत्तर देते ही तुरंत उसको चूम लिया और ‘आइ लव यू’ बोल दिया।

उसने बोला- बस एक ही चुम्बन करोगे?

‘नहीं जानू.. जी तो चाहता है कि पूरा दिन रात बिना खाए-पिए तुम को चुम्बन ही करता रहूँ।’

‘तो करो न.. किसने मना किया।’

मैंने वक्त बर्बाद ना करते हुए तुरंत उसके गालों से लेकर होंठों तक करीब 15 मिनट तक जबरदस्त चुम्मियां कीं। उसने भी अच्छा रिस्पांस दिया। वो भी मेरी जीभ को चूस कर खा रही थी।

वो अति चुदासी होकर बोल रही थी- आज मुझे खुश कर के ही जाना।

‘चिंता मत करो डार्लिंग.. आज हर तरफ से पूरा खुश कर दूंगा।’

उसके बाद मैं धीरे-धीरे उसके मम्मों को टॉप के ऊपर से ही दबाने लगा।

वो बोल रही थी- आह्ह.. तुमने क्या जादू किया है.. मुझे बहुत मजा आ रहा है.. ज़ोर-ज़ोर से दबाओ.. ओह्ह.. रुको मैं टॉप उतार देती हूँ।

उसने बड़ी बेताबी से टॉप को उतार दिया उसके अन्दर लाल रंग की ब्रा और 34 साइज़ की तने हुए मम्मे.. मैं तो पागलों की तरह उनको दबाने और मसलने लगा।

कुछ देर तक उसके दूध दबाने के बाद उसकी ब्रा को भी निकाल दिया।

हाय क्या गोरे दुद्धू.. 34 नाप के और गुलाबी टिट.. मेरे मुँह के सामने थे।

मैंने एक दूध को पकड़ा और दूसरे को चूसना स्टार्ट कर दिया।

वो मादक स्वर में चिल्ला रही थी: ‘खा जाओ इनको.. बहुत तंग करती है ये जवानी.. निचोड़ लो मेरे ये दूध.. आह्ह.. आज तुम इनको निचोड़ कर खा जाओ।’

मैं उसके मम्मों को भंभोड़ते हुए उसके चूतड़ों तक हाथ ले गया और उसकी गाण्ड को दबाने लगा।

थोड़ी देर में मैंने उसकी जीन्स को भी निकाल दिया और साथ में उसकी लाल रंग की पैन्टी भी उतार फेंकी। वाह क्या चूत थी यारो.. फुल शेव और गोरी.. चूत में एक भी दाग नहीं था। मैं देखते ही चूत पर टूट पड़ा और उसकी चूत को चुम्बन किया। उसकी चूत पूरी गीली हो गई थी। उसको टेबल के पास खड़ा करके पीछे से उसकी चूत से लेकर गाण्ड तक चाटने लग गया।

कुछ देर के बाद वो पलटी और उसने मुझे पूरा नंगा कर दिया। मेरा लंड देख कर वो खुश हो गई और बोली- वाउ जानू.. कितनी अच्छा लंड है तुम्हारा.. अच्छे से चोदोगे न मुझे?

मैं बोला- देखना मैं कैसे मस्त चोदता हूँ तुमको.. मजा आ जाएगा। मेरा लंड 7 इंच का है।

यह कहते ही वो मेरा लंड हिलाने लगी।

वो चूत में ऊँगली करते हुए अपने मुँह से ‘सीईए.. उफफफ्फ़.. एसस्सस्स..’ की आवाज़ करने लगी।

कुछ देर हिलाने के बाद मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया और देखते ही देखते उसने मेरे लंड को मुँह में भर लिया और मजे से चूसने लगी।

वो इतना मस्त चूस रही थी जैसे उसको बहुत अनुभव हो।

करीब 10 मिनट चूसने के बाद वो खुद लेट गई और बोली- जानू अब चोदो मुझे.. अब बर्दाश्त नहीं हो रहा.. फाड़ दो इस निगोड़ी चूत को.. लेकिन ज़रा धीरे-धीरे अन्दर डालना.. मेरा पहली बार है

मुझे उसकी इस बात पर विश्वास नहीं हुआ.. पर उसकी खुली चूत देख कर चोदने को तैयार हो गया और उसकी चूत के ऊपर अपना लौड़ा रख कर रगड़ने लगा।

मैं चूत के दाने के ऊपर भी सुपारा रगड़-रगड़ कर उसकी चूत को सहला रहा था। उसकी चूत पूरी गीली हो गई थी।

अब वो चिल्ला रही थी- चोदो ना… चोदो मुझे.. जल्दी चोदो..

मैंने एक ज़ोर का धक्का दिया तो मेरा पूरा लंड उसके अन्दर घुसता चला गया। वो जोर से चिल्लाने लगी.. मैंने जल्दी से उसके मुँह बंद किया वरना आस-पास के लोगों को पता लग गया होता और मेरी बैंड बज गई होती।

फिर जब उसको थोड़ा आराम हुआ तो मैंने धीरे-धीरे धक्के मारना चालू किए। कुछ देर धीमी गति से लौड़ा पेला और जब थोड़ा रस आ गया तो मैंने चुदाई की रफ़्तार बढ़ा दी।

‘फच.. फच..’ की आवाज से पूरा कमरा गूंज रहा था।

अब वो भी गाण्ड हिला-हिला कर मेरा साथ दे रही थी। कुछ देर ऐसे चोदने के बाद मैंने उसको डॉगी स्टाइल में भी चोदा।

करीब 10 मिनट चोदने के बाद उसकी चूत में ही झड़ गया। बाद में मुझे याद आया कि मैं कन्डोम लगाना भूल ही गया था।

उसने कहा- कोई बात नहीं.. मैं आई पिल ले लूँगी।

फिर बस कुछ देर यूं ही चिपक कर प्यार करने के बाद मैंने उसको उस दिन तीन बार चोदा। रात को भी उसकी चुदाई की और फिर उसकी गाण्ड भी मारी।

फ़िर उसने बताया कि वो किसी अन्जान आदमी से अपनी पहली चुदाई करवा कर अपनी सहेलियों को कुछ नया करके दिखाना चाहती थी।

उसके बाद क्या-क्या हुआ.. वो सब मैं आपको अगली कहानी में बताऊंगा।

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