दोस्ती दोस्ती मे माँ चोद दी

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एक लड़के ने मुझे मेल किया. उसका नाम रमन था. वो भी अपनी मॉम को चोदना चाहता था. उसकी मॉम का नाम वदंना था. उस लड़के ने अपनी मॉम की उम्र 40 साल के आस पास की बताई थी. उसने अपनी की फिगर के बारे में भी बताया था कि उसकी मॉम थोड़ी मोटी हैं.

मैंने उसे पूछा- क्या तुमने अपनी मॉम के साथ अब तक कुछ किया है?
तो उसने मुझे विस्तार से सब बताया.

वो रात को अपनी मॉम के साथ ही सोता था और रात को अपनी मॉम की चूत सहलाता था. मस्ती से अपनी मॉम की चूत को चूसता भी था. अपनी मॉम के बड़े मम्मों को अपने हाथों से पकड़ कर मसलता और मुँह में निप्पल ले कर चूचों को खूब चूसता था. इस तरह वो अपनी मॉम की चूत से पानी निकलवा देता था.

इस सबको करने में उसकी मॉम उससे कभी कुछ नहीं बोलती थीं. लेकिन अब तक उसने अपनी मॉम को चोद नहीं पाया था. वो जब भी अपना लंड उनकी चूत पर रगड़ता था, उसकी मॉम पलट कर लेट जातीं और उसे चोदने नहीं देती थीं.

रमन बता रहा था कि उसके पापा नहीं हैं. वदंना एक विधवा महिला थीं. वो अपनी चूत की आग बुझाने के लिए रमन के दोस्तों से तो चुद जाती थीं. लेकिन उन्होंने रमन को कभी भी अपनी चूत में लंड डालने नहीं दिया था.

रमन को ये पता चल गया था कि उसकी मॉम उसके दोस्तों से चुद लेती हैं, मगर उसके लंड से अपनी चूत का चोदन नहीं करवाती थीं.

एक रात वो अपनी मॉम के चूत को चाटने के बाद लंड डाल रहा था, तो वदंना आंटी ने रमन को एक थप्पड़ मार दिया.

उन्होंने बोला- तू ये सब मत कर … तू मेरा बेटा है.
रमन ने उनसे कहा- आप मेरे दोस्तों के लंड से चुद लेती हो, तो मेरे लंड में कौन से कांटे लगे हैं?
मगर उसकी मॉम ने मना कर दिया.

रमन मुझसे बोला कि यार बताओ मैं ऐसा क्या करूं कि मेरी मॉम मेरे लंड से चुद जाएं. जबकि मैं अपनी मॉम की चूत चाटता हूँ … उनके मम्मों को चूसता हूँ, पर जब भी लंड लगाने की बात आती, तो वो मना कर देती हैं.
मैंने उनकी गांड भी सहलाई कि चूत में न सही गांड में ही लंड ले लें … मगर वो मेरे लंड को अपने अन्दर किसी भी तरफ से लेने को राजी नहीं हैं. मॉम खुद तो चुपचाप सब मज़े ले रही थीं. पर मेरे लंड पर उनकी कोई मर्जी नहीं थी.

रमन बता रहा था कि उसकी मॉम अब तक एक बुड्ढे से चुदवाती रही हैं, जो उसके गांव से आता था. वो खूसट दूसरे रूम जाकर मेरी मॉम वदंना को खूब मस्ती से चोद लेता था. खुद रमन छिप कर सारा खेल देखता रहता.

बुड्ढे का लंड बहुत बड़ा था. उसकी मॉम खूब मज़े लेकर ‘अह … आह..’ करते हुए चुदवाती रहती थीं.

मैंने उसे एक सलाह दी और उसने उस पर अमल करना शुरू कर दिया.

एक बार रमन और उसकी मॉम नाना के घर गए थे. उन दिनों रमन ने अपनी माँ को कुछ दिनों तक कुछ भी नहीं किया.

फिर एक रात में रमन और उसकी मॉम साथ में ही सोए थे. रमन ने मौके का फायदा उठाया और अपनी मॉम को चूम चाट कर और सहला कर खूब गर्म कर दिया … पर वो चुदने के लिए नहीं मान रही थीं. तो रमन ने उनकी चूत का पानी नहीं निकाला.

बाद में उस रात वो लंड के लिए तड़प रही थीं. रमन अपनी मॉम वदंना के ऊपर चढ़ कर जबरन अपना लंड चूत में डाल दिया. उस रात तो उसकी मॉम ने कुछ नहीं कहा. रमन ने अपनी मॉम को धकापेल चोदा और पूरे बीस मिनट तक अच्छे से चोद कर अपने लंड की गर्मी निकाल ली.

उसने अपनी मॉम को रंडी की तरह उनके चुचों को दबा दबा कर खूब चोदा था. पर उस रात उन्होंने केवल एक ही बार चुदवाया. रमन ने बहुत कोशिश की मगर उसकी मॉम ने उस रात दूसरी बार लंड लगाने ही नहीं दिया.

फिर उसने मुझे सब बताया कि ऐसा ऐसा हुआ था.
मैंने कहा- अब तुम ऐसे ही किया करो.

इस पर उसने मुझसे कहा- यदि तुम्हें भी मॉम को चोदना हो, तो घर आ जाना.
मैंने बोला- ठीक है … किसी दिन आता हूँ. लेकिन जब तक मैं नहीं आऊं, तुम अपनी मॉम को हाथ भी नहीं लगाना.

रमन मान गया.

दस दिन बाद मैं उसके घर गया. रमन को सब मालूम था.

मेरे आते ही उसने दरवाज़ा खोला और मैं अन्दर चला गया. उसने अपनी मॉम से मुझे मिलवाया कि ये मेरा दोस्त है और आपसे मिलना चाहता था.

उसकी मॉम ने एक बार मेरी तरफ नजर भर कर देखा और अन्दर चली गईं. मैं अभी कुछ कहता कि तभी वो मेरे लिए पानी लेकर आ गईं.

उसकी मॉम सच में एक मस्त माल थीं. हालांकि थोड़ी मोटी थीं … पर खूब भरी हुई गदर माल थीं.

जब वो मेरे लिए पानी लेने अन्दर जा रही थीं, तब मैंने उनके मटकते चूतड़ों को देख कर लंड सहलाया था. जिसे देख कर रमन ने हंस कर कहा था कि है मस्त माल!
मैंने भी हां में सर हिलाते हुए कहा- साली कुतिया रंडी मेरे लंड के नीचे आ जाए, तब तो मस्त माल है … वरना मुठ मारनी पड़ेगी.

जब उसकी मॉम पानी लेकर मेरे सामने आईं, तो मैंने उनकी आंखों में झांक कर देखा और मुस्कुराते हुए हैलो बोला. साथ ही पानी का गिलास उठा लिया.

मैंने पानी पिया और उनकी तरफ हैलो का जबाव पाने की उम्मीद में देखने लगा. उन्होंने मुझसे हैलो भी नहीं बोला था.

फिर रमन ने अपनी मॉम वदंना से मेरा पूरा परिचय कराया. पर उसे अभी ये पता नहीं था कि मैं क्यों आया हूँ.

रमन ने सिर्फ इतना कहा कि ये आज रात को घर ही रुकेगा.
उसकी मॉम ने कुछ भी नहीं कहा.

फिर रात में खाना खाकर हम सब सोने चले गए. वो अपने रूम में चली गईं और मैं एक अलग रूम में चला गया.

हमारे प्लान के हिसाब से रात को जब रमन वदंना की चूत चाट रहा होगा, तब मुझे उसके रूम में जाना था. इसके लिए रमन मुझे एक मिस कॉल देकर इशारा कर देना था.

रात को जैसे ही रमन की मिस कॉल आई. मैं उठ कर उसके कमरे में चला गया. वदंना आंख बंद कर सो रही थीं, उनकी टांगें खुली हुई थीं … और रमन उनकी चूत को चाट रहा था. उसकी मॉम कुछ बोल नहीं रही थीं. मैं भी रमन की मॉम के बगल में जाकर लेट गया और उनके एक बूब को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा.

वदंना ने ये महसूस कर लिया था कि मैं उनके दूध को चूस रहा हूँ, लेकिन वो अभी भी कुछ नहीं बोल रही थीं.

फिर मैं नीचे आ गया और रमन को हटा कर उसकी मॉम की चूत चाटने लगा. उस समय रमन अपनी मॉम के मम्मों को चूस रहा था और अपने एक हाथ से उनकी गांड को सहला रहा था.

उसकी मॉम बिना कुछ बोले बस मज़े ले रही थीं … वो किसी भी तरह का कोई विरोध भी नहीं कर रही थीं. इससे जाहिर था कि वो मजा ले रही थीं. वो आज बहुत गर्म थीं और उनको लंड की जरूरत थी.

मैंने रमन को इशारा किया. उसने आंखों से हां कह दिया. फिर मैं उसकी मॉम के ऊपर चढ़ गया और उनकी चूत में लंड डाल दिया.

अपनी चूत में लंड पाते ही उसकी मॉम उठ गईं और बोलीं कि तुम दोनों ये क्या कर रहे हो.
रमन बोला- अब तो लंड अन्दर घुस ही गया मॉम … तो पूरा खेल हो जाने दो.
वदंना आंटी बोलीं- नहीं, ये ग़लत है.

मैंने लंड नहीं निकाला और उनकी चूत में आगे पीछे करता रहा. कुछ देर बाद रमन की मॉम लाइन पर आ गईं … और मज़े लेकर चुदवाने लगीं.

रमन ने मुझे इशारा किया, तो मैंने वदंना आंटी को अपने लंड के ऊपर ले लिया. अब वो मेरे लंड पर मस्ती से अपनी गांड उठा कर मेरा लंड अन्दर तक ले रही थीं.

उसी समय रमन ने पीछे से अपनी मॉम की गांड में अपना डाल दिया. वो एकदम से तड़फ उठीं और हम दोनों से छूटने की कोशिश करने लगीं. मगर हम दोनों ने वदंना आंटी को अपने बीच में दबा रखा था. कुछ देर तक उनकी दर्द भरी आहें और कराहें निकलीं … फिर वो शांत हो गईं.

अब वो उछल उछल कर अपनी गांड और चूत दोनों एक साथ चुदवा रही थीं.

कुछ देर बाद मैं हट गया और रमन अपनी मॉम के ऊपर आ गया. वो उसे क़िस करने लगा और उनकी चूत में लंड दे कर चुदाई करने लगा.

कोई पांच मिनट बाद मेरी और रमन की आंखें मिलीं और रमन ने अपनी मॉम की चूत में से अपना लंड निकाल लिया. उसके हटते ही मैंने उनको अपनी बांहों में ले लिया और उनके होंठों की तरफ अपने होंठ बढ़ा दिए.

आंटी को लगा कि मैं बस किस करूंगा … मगर तभी रमन ने मेरा लंड अपने हाथ से पकड़ा और अपनी मॉम की चूत पर सैट कर दिया. मैंने भी धीरे से अपना लंड चूत के अन्दर डाल दिया.

वदंना आंटी ने सोचा ही नहीं था कि मैं फिर से अपना लंड चूत में डालूंगा. वो एकदम से लंड घुसते ही सहम गईं. मैंने उनको अपनी छाती पर ले लिया और अपनी गांड उठा कर वदंना आंटी की चूत को मथने लगा. उधर रमन ने फिर से पीछे से अपना लंड घुसेड़ दिया था.

फिर से एक साथ अपनी चूत और गांड में लंड लेकर वो चीख पड़ीं- अहह … मर गई!
मैं उनके मुँह पर अपने होंठों का ढक्कन लगाते हुए किस करने लगा और उनकी आवाज़ दबा दी.

कुछ देर एक साथ दोनों छेदों में लंड अन्दर बाहर करने के बाद वदंना ने दोनों लौड़ों को झेल लिया था. अब वो मस्ती से दो लंड लेते हुए खूब उछल उछल कर चुदने लगीं.

वदंना आंटी रमन से बोल रही थीं- आह … अच्छे से चोद दे बेटा … अपनी मॉम को … आह मैंने बहुत दिनों से कोई लंड नहीं लिया.
मैं- हां … आह … ले रंडी कुतिया साली … मादरचोद चुद साली अपनी औलाद से और उसके दोस्त से!

फिर मैंने छेद बदलने की बात कही, तो रमन ने अपनी मॉम की गांड से लंड खींच लिया और मैंने वदंना आंटी की चूत से लंड निकाल लिया. अब रमन आगे आ गया था. उसने कुत्ते के जैसे अपना पूरा लंड अपनी मॉम की चूत में फंसाया और ताबड़तोड़ झटके देने लगा.

वदंना आंटी के मुँह से निकल रहा थ कि अहा … मर गई … आंह साले धीरे चोद … मादरचोद … आह मजा आ रहा है.

उनकी मादक आवाजें बराबर निकल रही थीं और वो रंडी की तरह खूब जोर से चिल्लाते हुए लंड ले रही थीं.

फिर हम दोनों उन्हें कुतिया बना दिया. मैंने उनकी गांड में लंड डाला और रमन ने अपना लंड अपनी मॉम के सामने कर दिया. उसकी मॉम ने गप से लंड मुँह में ले लिया और खूब मजे लेते हुए लंड चूसने लगीं.

वदंना आंटी इस समय एक बाजारू रंडी की तरह गांड मटका रही थीं और अपने बेटे का लंड भी चूस रही थीं.

कुछ देर वदंना आंटी बोलीं- अब मैं झड़ने वाली हूँ.
उनकी बात सुनकर हम लोग रुक गए. मैंने आंटी को सीधा कर दिया और उनकी चूत में लंड पेल कर चुदाई चालू कर दी.

कुछ देर बाद वदंना आंटी ने ढेर सारा माल छोड़ दिया. रमन की मॉम की चूत से माल बह कर बाहर टपकने लगा था. आंटी भी एकदम से थक कर निढाल हो गई थीं. हम लोग भी रुक गए थे. मेरा लंड अब भी वदंना आंटी की चूत में अड़ा हुआ था.

कुछ देर बाद रमन अपनी मॉम की चूत में लंड डालने लगा. पर एक साथ दो लंड चूत में नहीं जा रहा था.

फिर मैं बोला- जरा रुक जा … मैं बस जाने वाला हूँ.
तो रमन ने अपना लंड हटा लिया. मैंने वदंना आंटी से पूछा- कहां निकल जाऊं साली रांड … बोल?
तो वदंना आंटी बोलीं- आंह अन्दर ही अपना माल गिरा दो बेटा.

मैं रमन की मॉम की चूत के अन्दर ही झड़ गया. मेरा गर्म गर्म माल लेकर आंटी सिसकारने लगीं.

कोई एक मिनट बाद मैंने लंड चूत से बाहर निकाला, तो रमन ने अपनी मॉम की चूत में लंड पेल दिया और उन्हें चोदने लगा.

कुछ ही मिनट बाद वदंना आंटी फिर से झड़ गईं. मैं अपना झड़ा हुआ लंड लेकर आंटी के मुँह पास लेकर गया.

मैंने गुर्रा कर कहा- साली, चाट कर लंड साफ़ कर दे वदंना रंडी.
वो हंस कर मेरा लंड चाटने लगीं और उन्होंने रमन से कहा- बेटा तू भी अपना माल अपनी मॉम के अन्दर ही डालना.

रमन ने भी कुछ देर में अपनी मॉम की चूत में लंड रस निकाल दिया.

कुछ देर बाद वदंना आंटी ने हम दोनों के लंड चाट कर साफ़ किए. फिर हम तीनों लेट गए.

एक घंटे बाद मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा.

रमन ने देखा, तो वो बोला- फिर से?
मैंने कहा- हां फिर से … वदंना रांड यहीं तो है … क्या परेशानी है … आज तो रात भर साली को पूरी ताकत से चोदेंगे. मैं आज तेरी मॉम की चूत का भोसड़ा बना दूँगा.
तो रमन बोला- भाई, मेरी मॉम अब तुम्हारी ही है … ये रंडी तुम्हारी ही है … तुम कुछ भी करो.
इस बार मैं रमन से बोला- तू भी मेरा लंड चूस.

रमन भी मेरा लंड मुँह में लेकर चूसने लगा. साला रंडी की औलाद कुत्ता … क्या मस्त लंड चूस रहा था. मादरचोद, अपनी मॉम से ज्यादा मस्त लंड चूस रहा था.

उसने अपने हाथ से अपनी मॉम की चूत को रगड़ा और मेरा लंड लगा कर बोला- लो मॉम, तेरे लिए लंड अपने हाथों से डाल रहा हूँ.

मैंने उसकी मॉम की चूत में एक धक्का देकर लंड अन्दर पेल दिया. रमन की मॉम भी मस्ती से मेरा लंड लील गईं. बस हम दोनों ने आंटी को खूब चोदा.

हम दोनों ने रात भर वदंना आंटी को चोद चोद कर बाजारू रंडी बना दिया था.

सुबह वदंना आंटी बोल रही थीं- मेरी चूत और गांड में दर्द हो रहा है.
तो मैंने हंस कर बोला- आंटी एक बार और चुदवा लो … सब दर्द गायब हो जाएगा.
उन्होंने बोला- नहीं … अब हिम्मत नहीं बची है.

सुबह के 6 बज चुके थे. वदंना आंटी किचन में चली गई थीं. फिर हम दोनों ने आपस में तय किया और आंटी को किचन में ही उनके ऊपर धावा बोल दिया.

मैंने आंटी की मैक्सी उतार दी और उनकी चूत पर शहद लगा कर चाटने लगा. फिर वहीं किचन में ही नीचे फर्श पर लेटा कर रमन और मैंने वदंना आंटी को ख़ूब चोदा.

सुबह सुबह चूत को लंड की खुराख मिल गई, तो चूत चुदवा कर वदंना आंटी भी खुश हो गईं.

फिर कुछ देर बाद मैं वहां से वापस अपने घर चला आया.

मेरी आज भी उन दोनों से बात होती है. वदंना आंटी को मेरे लंड से चुदकर बहुत मजा आया था. वो आज भी मुझे बुलाती हैं. आंटी कहती हैं कि उन्हें दो लंड एक साथ लेने में बड़ा मजा आया.

रमन ने मुझे फोन पर बताया था कि उस रात वदंना आंटी की चूत एकदम फूल कर पकौड़ा हो गई थी और जिस दिन से मैं उनको चोद कर आया था, उस दिन से आंटी बिना पैंटी के ही घूमने लगी थीं.

उनको अब रमन से चुदने में भी मजा आने लगा था. जब घर में वे दोनों ही अकेले होते थे, तो आंटी बिना पैंटी के ही सिर्फ़ ब्लाउज पेटीकोट में घूमती रहती हैं … और जैसे ही रमन के लंड में गर्मी चढ़ती थी, वो अपनी मॉम का पेटीकोट उठा आकर उनको चोद देता था.

रमन मुझसे बहुत खुश है कि मैंने उसकी मॉम को खुल कर चुदना सिखा दिया है.

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