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चाचा के लङके की शादी मे पटाया शहर का माल

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हमारा गांव राजस्थान में है मैंने अपनी पढ़ाई गांव से ही की है और मैं अपने गांव में ही रहकर खेती का काम करता हूं, मेरी उम्र 26 साल हो चुकी है लेकिन मैंने कभी भी शहर जाने की नहीं सोची और गांव में ही मैं अपने पिताजी के साथ खेती का काम करता हूं, हमारे घर में नौकर चाकर भी हैं लेकिन मुझे खेती का बहुत शौक है।

एक बार हमारे गांव में मेरे चाचा के लड़के की शादी थी..

वह शहर में ही पला बढ़ा है, मेरे चाचा और चाची गांव में ही रहते हैं लेकिन उन्होंने सजंय को शहर में ही पढाया है, जब सजंय गांव आ गया तो सजंय मुझसे कहने लगा तुम्हें ही घर में सारा काम देखना है, मैंने सजंय से कहा आखिरकार तुम मेरे भाई हो तो मैं ही तुम्हारा काम देखूंगा। सजंय और मेरे बड़े भैया की उम्र लगभग एक जितनी ही है और उन दोनों के बीच बहुत घनिष्ठ मित्रता भी है सजंय मुझसे कहने लगा कि दीदी तो शादी में आएंगी, मैंने उससे कहा मेरी दीदी से फोन पर बात हुई थी तो वह शादी में आने के लिए तो कह रही थी, मेरी दीदी विदेश में रहती हैं और उनकी शादी को 10 वर्ष हो चुके हैं।

सजंय मुझसे कहने लगा मेरे दोस्त भी शहर से आएंगे तुम्हें ही उनका ध्यान रखना है..

मैंने सजंय से कहा तुम चिंता मत करो मैं ही उनका ध्यान रखूंगा, सजंय की शादी की सारी तैयारियां हो चुकी थी और अब उसके दोस्त भी शहर से आने लगे थे मेरी मुलाकात जब उसकी दोस्त कल्पना से हुई तो कल्पना से मुझे जैसे प्रेम होने लगा था लेकिन वह सजंय की दोस्त थी इसलिए मैं उससे यह बात नहीं कह सकता था..

लेकिन कल्पना को भी मेरा साथ अच्छा लग रहा था और गांव मे उसे मैं अपने साथ घुमाने के लिए भी ले गया। हमारे गांव से कुछ दूरी पर एक पुराना किला है जब उसने मुझसे कहा कि क्या तुम हम लोगों को वहां घुमाने के लिए लेकर चल सकते हो तो मैंने उसे कहा क्यों नहीं, मैंने उसे कहा लेकिन वहां हम लोग ट्रैक्टर से ही चलेंगे मैं उन लोगों को ट्रैक्टर से ही उस किले में ले गया जब वह लोग उस किले में गए तो वह बहुत खुश हुए कल्पना भी बहुत खुश थी वह मुझे कहने लगी तुम्हारे साथ तो समय बिता कर बहुत अच्छा लग रहा है।

मैंने उससे पूछा क्या सजंय को तुम पहले से ही जानती हो?

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कल्पना कहने लगी हां सजंय हमारे पड़ोस में ही रहता है इसलिए उससे मेरी अच्छी दोस्ती हो गई और सजंय एक अच्छा लड़का भी है। जब सजंय ने मुझे बताया कि मेरी शादी गांव में ही होगी तो मैं बहुत ज्यादा खुश हो गई और मैंने सोचा कि चलो इस बहाने गांव की सैर भी हो जाएगी क्योंकि हम लोगों का अब गांव से कोई भी जुड़ाव नहीं है इसलिए मैं सजंय की शादी में आकर बहुत खुश हूं, मैं जब से तुमसे मिली हूं तो मुझे बहुत अच्छा लग रहा है।

कल्पना के साथ मुझे भी अच्छा लग रहा था मैंने पहली बार ही किसी लड़की से इतनी ज्यादा बात की थी, मैं जब स्कूल में पढ़ता था तो उस वक्त भी मेरी बात किसी लड़की से नहीं होती थी। कल्पना मुझसे कहने लगी तुम जब भी फरीदाबाद आओ तो मुझे जरूर मिलना, मैंने उससे कहा वहां कर मैं भला क्या करूंगा मैं तो अब गांव में ही खेती बाड़ी का काम संभालता हूं और गांव में ही खुश हूं, वह मुझे कहने लगी फिर भी कभी तुम्हें मौका मिले तो तुम जरूर आना, तुमने भी मेरा बहुत ध्यान रखा है।

सजंय की शादी में सब लोग बड़े ही धूम धड़ाके से मस्ती कर रहे थे और सब लोग बहुत खुश थे.

मैंने भी उस दिन कल्पना के साथ जमकर डांस किया, जब कल्पना शहर लौट गई तो मुझे भी उससे मिलने की चाह होने लगी लेकिन उससे मैं मिल नहीं सकता था। सजंय मुझसे कहने लगा कि तुम भी मेरे साथ फरीदाबाद चलो, मैंने उससे कहा वहां चलकर मैं क्या करूंगा लेकिन मेरा मन तो बहुत था इसलिए मैं सजंय के साथ फरीदाबाद कुछ दिनों के लिए चला गय..

मैं जब सजंय के साथ फरीदाबाद गया तो वहां मुझे कल्पना भी मिल गई.

कल्पना मुझे देखते ही खुश हो गई और कहने लगी कि मैंने तो सोचा भी नहीं था कि तुम इतनी जल्दी ही यहां आ जाओगे। मैं भी कल्पना से मिलकर बहुत खुश था, अगले दिन सजंय ऑफिस जा चुका था और उस दिन कल्पना घर पर आ गई और कहने लगी तुम जल्दी से तैयार हो जाओ, मैंने उसे कहा लेकिन हम लोग कहां जाने वाले हैं? वह कहने लगी कि तुम तैयार हो जाओ मैं भी तैयार होकर आती हूं।

मैं भी तैयार हो गया और कल्पना भी तैयार होकर आ गई जब वह तैयार होकर आई तो उस दिन वह बहुत ही सुंदर लग रही थी वह मुझे अपने साथ लेकर गई उसने मुझे अपने कई दोस्तों से भी मिलवाया और हम लोगों ने साथ में बहुत अच्छा टाइम बिताया, मुझे उसके साथ में उस दिन बहुत अच्छा लगा हम लोग शाम के वक्त घर लौट आए। कल्पना और मै साथ मे बैठे हुए थे कल्पना ने उस दिन जो जींस पहनी थी..

उसकी चैन खुली हुई थी मैं उसकी जींस की तरफ देख रहा था।

जब मैंने उससे कहा कि तुम्हारी जींस की चैन खुली है तो वह शर्माने लगी उसके चेहरे की मुस्कान से मैं उस पर पूरा फिदा हो गया और उसके पास जाकर बैठ गया जैसे ही मैंने उसकी मोटी जांघ के ऊपर अपने हाथ को रखा तो उसकी गर्मी बढ़ने लगी वह भी मेरी बाहों में आ गई। कल्पना मुझसे कहने लगी मुझसे अब रहा नहीं जा रहा मैंने कल्पना से उस दिन पूछा कि क्या तुमने इससे पहले भी कभी सेक्स किया है।

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वह कहने लगी हां मैंने इससे पहले भी सेक्स किया है कल्पना कि बात से मै अंदाजा लग चुका था कि वह बड़े ही खुले विचार की लड़की है परंतु उस वक्त मेरे पास उसके बदन के सुख भोगने का मौका था। मैंने भी वह मौका नहीं गवाया मैंने कल्पना को नीचे लेटा दिया जब मैंने उसके कपड़ों को उतारना शुरू किया तो मैंने कभी नहीं सोचा था कि उसका बदन इतना शेप में होगा उसका बदन पूरी तरीके से एकदम शेप में था उसके स्तन बहुत बड़े थे।

जब मैंने उसके गुलाबी होठों को चूमा तो वह भी जोश में आ गई उसने मेरे लंड को अपने आप अपने मुंह में ले लिया उसने मेरे लंड को 2 मिनट तक अपने मुंह में अंदर बाहर किया उसके इस अंदाज से मैं तो उस पर पूरा फिदा हो गया। जब मैंने उसकी चूत पर अपने लंड को रगडना शुरू किया तो उसकी चूत से गिला पदार्थ बाहर निकल रहा था और उसकी चूत इतनी ज्यादा गिली हो गई थी कि मैंने धक्का देते हुए उसकी चूत के अंदर अपने लंड को डाल दिया।

जैसे ही मेरा लंड उसकी चूत के अंदर घुसा तो उसने मुझे कसकर पकड़ लिया और मेरी कमर पर उसने अपने नाखून घुसा दिए उसने अपने नाखूनो से मेरी कमर पर निसान मार दिए मुझे दर्द भी हुआ लेकिन उसकी गर्मी का अंदाजा मैंने लगा लिया था। मैंने भी उसके दोनों पैरों को चौड़ा किया और जब उसकी चूत थोड़ा ज्यादा खुल चुकी थी मैंने उसकी चूत पर इतनी तेज गति से प्रहार किया कि उसकी चूत से तरल पदार्थ लगातार तेजी से बाहर निकलने लगा और उसे बहुत दर्द भी होने लगा।

मेरा 10 इंच मोटा लंड जब उसकी चूत के अंदर था तो वह अपने मुंह से सिसकियां लेते हुए कहने लगी आकाश तुम्हारा लंड तो बहुत मोटा है ऐसा लंड मैंने पहली बार ही किसी का लिया है।

मैंने उससे कहा मैं तो मेहनत करने वाला व्यक्ति हूं इसीलिए मेरा लंड इतना मोटा है।

उस दिन मैंने उसकी चूत पूरी तरीके से छिलकर रख दी। जब हम दोनों की रगडन से गर्मी ज्यादा पैदा होने लगी तो उस गर्मी को ना तो कल्पना ज्यादा देर तक बर्दाश्त कर पाई और ना ही मैं ज्यादा देर तक बर्दाश्त कर पाया परंतु मैंने उस दिन उसकी चूत का भोसड़ा बना कर रख दिया था। जब मैंने अपने माल को उसके मुंह पर गिराया तो वह खुश हो गई उसने अपने मुंह को पानी से धोया और अपने कपड़े पहन लिए। मैंने उसे कहा कल्पना आज तुम्हारे साथ सेक्स करके तुमने मेरी सारी इच्छा पूरी कर दी है। उस दिन उसकी चूत का भोसड़ा बना कर मुझे बहुत अच्छा लगा मैं जितने दिन सजंय के पास रुका उतने दिन हर सुबह वह मेरे पास आ जाया करती और मुझे कहती चलो आज कहीं घूम आते हैं और घूमने के बाद मैं उसे चोदा करता।

मैं जब फरीदाबाद से वापस लौट आया तो कल्पना और मेरी हमेशा फोन पर बात होती, उससे जब भी मेरी फोन पर बात होती तो वह मुझे कहती की तुम अब दोबारा फरीदाबाद कब आओगे, मैंने उसे कहा अभी तो मेरा कुछ पता नहीं है लेकिन जब भी मैं आऊंगा तो मैं तुम्हें बता दूंगा। मैंने उसे पूछा क्या तुम्हारी बात सजंय से होती है, वह कहने लगी हां सजंय तो मुझे हमेशा ही मिल जाता है और सजंय से तो मेरी बात होती रहती है..

कल्पना ने मुझे बताया कि सजंय और उसकी पत्नी फॉरेन टूर पर घूमने के लिए जा रहे हैं, मैंने कल्पना से कहा चलो यह तो अच्छी बात है तुमने मुझे यह बात बताइ मुझे तो सजंय ने यह बात नहीं बताई लेकिन मैं उससे इस बारे में जरूर पूछुंगा। मैंने जब  सजंय को फोन किया तो सजंय कहने लगा मैंने और तुम्हारी भाभी ने घूमने का प्लान बनाया है, मैंने सजंय से कहा लेकिन तुमने तो यह बात किसी को भी नहीं बताई, सजंय कहने लगा यह बात तुम किसी को मत बताना मैं घर में यह बात बताऊंगा तो वह लोग मुझ पर गुस्सा हो जाएंगे इसलिए मैंने घर पर किसी को यह बात नहीं बताई।

सजंय मुझे कहने लगा कि तुम अपनी भाभी को फरीदाबाद ले आना, मैंने सजंय से कहा ठीक है मैं भाभी को फरीदाबाद ले आऊंगा और इस बहाने मेरी मुलाकात कल्पना से भी हो जाएगी। मैं भाभी को अपने साथ फरीदाबाद ले गया और जब कल्पना मुझसे मिली तो वह खुश हो गई और कहने लगी चलो कम से कम तुमसे मिलने का मौका तो मिला नहीं तो तुम मुझसे मिलने भी वाले नहीं थे, मैंने कल्पना से कहा नहीं ऐसी बात नहीं है मैं तुमसे जरूर मिलता।

कुछ दिनों बाद सजंय और भाभी फॉरेन टूर पर चले गए उस बीच मैं और कल्पना घूमने के लिए जाया करते थे।

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