ErrorException Message: WP_Translation_Controller::load_file(): Argument #2 ($textdomain) must be of type string, null given, called in /home/u271051433/domains/free-sex-story.in/public_html/wp-includes/l10n.php on line 838
https://free-sex-story.in/wp-content/plugins/dmca-badge/libraries/sidecar/classes/ Hindi Sex Story - चूत की आग बूझाई      

चूत की आग बूझाई

Read More Free Hindi Sex Story, Antarvasna Sex Story On free-sex-story.in

मेरा नाम रितेश है, मेरी उम्र 26 साल है और मैं एक हट्टा-कट्टा जवान लड़का हूँ। यह मेरी पहली कहानी है, मुझे उम्मीद है कि यह कहानी आप सबको पसंद आएगी।

वैसे तो मैंने बहुत सी लड़कियों और औरतों के साथ सेक्स किया है लेकिन मैं एक इंजिनियर हूँ तो मैंने बहुत से राज्यों में नौकरी की है। मैं हरियाणा से नौकरी छोड़ कर राजस्थान के एक शहर में नौकरी करने के लिए गया।

वहाँ मेरे कुछ दोस्त भी मेरे साथ रहते थे। मेरा कमरा दूसरी मंजिल पर था। मेरे कमरे के सामने एक परिवार रहता था लेकिन मैं उनसे बात नहीं करता था।मुझे नहीं पता था कि सामने वाले घर में रहने वाली औरत मुझे पसंद करती थी। धीरे-धीरे मैं भी उसे पसंद करने लगा था, पसंद क्या! मैं तो वासना का पुजारी हूँ तो मैं उसको देखता रहता था।

उसका पति भी एक कंपनी में काम करता था।

उसका रवैया देख कर एक दिन मैंने उसको पत्र लिख कर दिया और अपने प्यार यानि वासना को जाहिर किया तो उसने भी अपने प्यार को जाहिर किया और अपनी इच्छा को जाहिर किया और अपना नंबर भी बता दिया।

मैंने उसको अगले दिन फ़ोन किया तो उसने कहा- मुझे आपसे प्यार तो है लेकिन मुझे डर लगता है।

तो मैंने उसको विश्वास दिलाया और कहा- इसके बारे मैं किसी को पता भी नहीं चलेगा।

अगले दिन उसने मिलने के लिए समय बताया।

ठीक समय पर उसका फ़ोन आया और मैं उससे मिलने के लिए पहुँच गया। मैंने देखा कि वो घर पर अपने 7-8 महीने के लड़के के साथ थी लेकिन उसका बेटा सोया हुआ था। शायद वो भी मिलने के लिए बेचैन थी।

वो मेरे बारे में पूछने लगी। मैंने अपने बारे में बताया।

मैंने धीरे से उसका हाथ पकड़ा तो वो कहने लगी- मुझे कुछ होता है!
तो मैंने कहा- कुछ करने के लिए ही तो आया हूँ!

वो अपना हाथ छुड़ाने लगी लेकिन मैंने उसको पकड़ा और चूमने लगा।

उसको चूमते ही वो गर्म होने लगी और धीरे-धीरे मैंने उसकी साड़ी खोल दी। वो कहने लगी- पहली बार में ही सब कुछ करोगे?
मैंने कहा- यह मौका तो ऊपर वाले की देन है! इस समय को गंवाना नहीं चाहिए!

उसने कहा- मैं भी तो तुम्हारे प्यार की प्यासी हूँ!
मैंने कहा- मैं तुम्हें बिना कपड़ो के देखना चाहता हूँ!

और बात करते हुए मैंने उसको नग्न अवस्था में कर दिया।

दोस्तो, मैं दावा करता हूँ कि अगर उसको बूढ़े भी देख लें तो सबका खड़ा हो जाये और सब मुठ मारने लगेंगे।

मैं उसको चूमता रहा और वो गर्म होने लगी।

उसने कहा- तुमने मेरे तो सारे कपड़े उतार दिए और खुद ऐसे ही खड़े हो?

फिर उसने मेरे कपड़े भी उतार दिए और मेरे लंड से खेलने लगी।

मैंने उसको लंड चूसने के लिए कहा तो वो पहले तो मना करने लगी लेकिन दबाव देने पर मान गई और लंड को लॉलीपोप की तरह चूसने लगी।

चूसते हुए वो ऐसे लग रही थी जैसे कोई परी मेरा लंड चूस रही हो।

मेरे मुँह से सी सी सी सी सी की आवाजें निकल रही थी।
पांच मिनट बाद मेरा माल निकलने वाला था तो मैंने कहा- मेरा निकलने वाला है!

तो वो कुछ नहीं बोली और लंड को चूसती ही रही। लंड को तो ऐसे चूस रही थी मानो वो जन्म-जन्म से प्यासी हो!
मेरा माल उसके मुँह में ही निकल गया और वो उसको अन्दर ही पी गई।

फिर मेरा ढीला पड़ गया और उसने कहा- मेरी चूत में आग लगी है!

फिर हम 69 की अवस्था में आ गए और वो मेरे लंड को फिर से तैयार करने लगी। मैं उसकी चूत को चाट रहा था।

धीरे-धीरे उसका शरीर अकड़ने लगा तो मैं समझ गया कि वो झड़ने वाली थी।

मैं जोर-जोर से उसकी बुर के दाने को चाट रहा था, तभी एकदम से उसका माल निकला और और मैं सारा चाट गया।
उसने कहा- मेरी चूत में अभी भी पूरी आग लगी है!

मैंने उसको ऊपर आने के लिए कहा।
वो मेरे ऊपर आकर मेरे लंड पर बैठ गई और जल्दी जल्दी करने लगी।

लगभग पांच मिनट करने के बाद उसका शरीर अकड़ने लगा और वो मेरे ऊपर लेट गई।

फिर मैंने उसको नीचे आने के लिए कहा तो वो मेरे नीचे आ गई, मैंने लंड उसकी चूत में डाल दिया और उसको चोदने लगा।

दस मिनट बाद मेरा भी निकलने वाला था तो मैंने उससे पूछा- माल कहाँ निकालूँ?
तो उसने कहा- अंदर ही डाल दो! मैं बहुत दिनों से बहुत प्यासी हूँ।
मैंने कहा- तुम्हारे पति है तो क्या वो तुम्हारे साथ सेक्स नहीं करते?

तो उसने बताया- करते तो हैं लेकिन जैसे ही अंदर लंड डालते हैं, वैसे ही झड़ जाते हैं! वो मुझे संतुष्ट नहीं कर पाते! तुमने मुझे जो मज़ा दिया है मैं हमेशा के लिए तुम्हारी हो गई हूँ। सही तो तुमने मुझे आज औरत बनाया है, आज से मैं तुम्हारी हूँ, तुम्हारा जब दिल चाहे तब मेरे साथ समय बिता लेना और मुझे भी मज़ा देना।

दोस्तो, उस दिन के बाद मैंने बहुत दिनों तक उसके साथ सेक्स किया।

लेकिन कुछ महीनों बाद मैंने वहाँ से नौकरी छोड़ दी और मुझे मेरे घर के नजदीक नौकरी मिल गई। फिर कुछ दिनों तक बात हुई और उसके बाद मेरी उससे कोई बात नहीं हुई क्योंकि मेरी एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में अच्छी पोस्ट पर नौकरी लग गई।

Read More Free Antarvasna Hindi Sex Story, Nonveg Sex Story, Desi Story(अन्तर्वासना हिन्दी सेक्स सटोरी) On free-sex-story.in
0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments