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सहपाठी ने पार्टी मे चुदाई का न्योता दिया

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हेलो दोस्तों, मैं आपका दोस्त रॉकी हूँ. आज की मेरी सेक्स कहानी मेरी और मेरी कोचिंग फ्रेंड के बारे मैं है. इस बात को तकरीबन 4 साल हो गए हैं.

उस वक्त मेरी उम्र 21 साल थी. जिस फ्रेंड के बारे में मैं बात करने जा रहा हूं वो मेरे साथ कोचिंग में पढ़ती थी. उसका नाम दीक्षा था. वो भी 21 साल की ही थी.

दोस्तो, पहले तो मैंने उस पर ध्यान नहीं दिया. फिर धीरे-धीरे जब हमारी दोस्ती हुई तो मैं उस पर ध्यान देने लगा. वो सच में कमाल दिखती थी. वैसे मैं भी हैंडसम था देखने में और मेरी बॉडी भी अच्छी बनी हुई थी.

मैं अपनी तारीफ नहीं कर रहा हूं मगर मेरी बॉडी और मेरे चेहरे को देख कर लड़कियां मेरे पीछे लट्टू हो जाती थीं. दीक्षा के साथ भी ऐसा ही हुआ था, जो मुझे बाद में पता चला.

तो हुआ यूं कि जब मैं कोचिंग क्लास में जाने लगा था तो शुरू के दिनों में पढ़ाई को लेकर काफी सीरियस था. मैं क्लास में सबसे पहले पहुंच जाता था. रोज ही मैं सबसे पहले पहुंच कर अपनी सीट पर बैठ जाता था.

उसके बाद सब लोग धीरे-धीरे आने लगते थे. मैंने उस वक्त दीक्षा पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया था मगर वो मेरी नजर में जरूर थी क्योंकि किसी खूबसूरत लड़की पर नजर चली ही जाती है.

एक दिन क्लास में टेस्ट चल रहा था. दीक्षा मेरे पीछे ही बैठी हुई थी.
उसने पीछे से मुझे हाथ लगा कर कहा कि मुझे आप टेस्ट में हेल्प कर देना. वो कहने लगी कि वो घर से तैयारी करके नहीं आई है.
मैंने हां में सिर हिला दिया.

फिर हमारा टेस्ट शुरू हो गया. उस दिन मैंने एक घंटे में ही टेस्ट पूरा कर लिया था. उसके बाद मैंने अपने आंसर शीट दीक्षा को दे दी और उसकी शीट लेकर बैठ गया. मैंने उसकी शीट पर भी आंसर लिख दिये ताकि उसके अच्छे मार्क्स आ जायें.

अगले दिन जब टेस्ट रिजल्ट आया तो दीक्षा के 50 में 38 नम्बर आये. वो अपने नम्बर देख कर बहुत खुश हो गयी. उसके चेहरे की रौनक उस दिन देखते ही बन रही थी. मैं भी खुश था कि मैंने उसकी मदद की और वह काफी खुश है.

फिर जब क्लास खत्म हुई तो सबके जाने के बाद वो मेरे पास आई और मुझे थैंक्स बोलते हुए हग करने लगी. उसने जब मुझे हग किया तो उसकी चूचियां मेरी चेस्ट से छू गयीं. मेरे बदन में करंट सा दौड़ गया.
फिर वो चली गयी.

इस तरह से हम दोनों के बीच में बातें शुरू हो गयीं. हम दोनों जल्दी ही बहुत अच्छे दोस्त बन गये. उसके बाद हम दोनों ने अपने फोन नम्बर भी एक्सचेंज कर लिये और दोनों के बीच में फोन पर भी बातें होने लगीं.
ऐसे ही धीरे-धीरे हम लोग बाहर घूमने भी जाने लगे.

एक दिन हम लोग पार्टी के लिए जाने लगे. उस दिन जब वो तैयार होकर आई तो मैं उसको देखता ही रह गया. मेरी नजर उससे हट ही नहीं रही थी.
दीक्षा ने उस दिन एक काले रंग का वन पीस ड्रेस पहना हुआ था. उसका फीगर उसमें अलग से ही पता चल रहा था.

वो इतनी हॉट लग रही थी कि मेरी आह निकल गयी उसको देखकर. उसका फीगर 36-24-32 था. मैं उसको देखता ही जा रहा था.
फिर वो बोली- ऐसे क्या देख रहे हो?
मैंने कहा- कुछ नहीं. बस ऐसे ही. आज तुम कुछ अलग ही लग रही हो.
फिर वो बोली- थैंक्स, तुम भी काफी हैंडसम लग रहे हो. चलो अब चलते हैं.

फिर हम पार्टी के लिए निकल गये. हम लोग बाइक से जा रहे थे. रास्ता काफी खराब था. मुझे बार बार ब्रेक लगाने पड़ रहे थे. उसके बूब्स बार बार मेरी पीठ पर टच हो रहे थे. उसकी चूचियां सच में काफी बड़ी थीं. मेरे बदन में झनझनाहट होने लगी थी. मेरा लंड खड़ा हो गया था.

बड़ी मुश्किल से कंट्रोल करके हम लोग पार्टी में पहुंच गये.
वहां पहुंच कर हम लोग साथ में डांस करने लगे. हमने उस दिन काफी ड्रिंक भी कर ली थी. दीक्षा ने थोड़ी ज्यादा ही पी ली थी. उससे खुद को संभालना भी मुश्किल हो रहा था.

मैंने ही उसको संभाला और इस दौरान हमारी नजरें मिलीं और हम दोनों वहीं पर स्मूच करने लगे. वो भी मेरे सिर को अपनी तरफ दबाते हुए मेरे होंठों को चूसने लगी.

वो होश में नहीं थी और मेरे पूरे बदन पर हाथ फिराने लगी थी. मैं भी उत्तेजित हो गया था लेकिन मैंने होश नहीं खोया था.
वो मेरे कान में कहने लगी- मुझे तुम्हारे साथ सेक्स करने का मन कर रहा है.
मैंने उसको मना कर दिया. मैं ऐसी हालत में उसका फायदा नहीं उठाना चाह रहा था.

फिर वो वहीं पर बेहोश सी होने लगी. मैंने किसी तरह से उसको वहां से निकाला और बड़ी मुश्किल से उसे अपने घर लेकर पहुंचा. उसको घर लाकर मैंने बेड पर लिटा दिया. मैं खुद भी बेड पर गिर गया. मुझे भी नशा हो गया था और नींद जल्दी ही आ गयी.

उसके बाद जब अगले दिन हम दोनों उठे तो वो कहने लगी कि उसके सिर में बहुत दर्द हो रहा है.
वो पूछने लगी कि मैं कहां पर हूं?
मैंने कहा- रात में तुमने कुछ ज्यादा ही पी ली थी. तुम नशे में थी और पता नहीं क्या क्या बोल रही थी.
वो पूछने लगी- ऐसा क्या बोल दिया था मैंने?
मैंने कहा- रहने दो, मैं नहीं बताना चाह रहा.

वो जिद करते हुए बोली- नहीं बताओ, मुझे जानना है कि ऐसा क्या बोल दिया था मैंने!
मैं बोला- तुम मेरे साथ सेक्स करने की बात कर रही थी.
ये सुनकर वो एकदम से शरमा कर चुप हो गयी और फिर नजरें चुराने लगी.

फिर वो बेड से उठ गयी और बोली कि मुझे चेंज करना है.
मैंने दीक्षा को अपनी टीशर्ट और एक लोअर दे दी.

जैसे ही उसने मेरे कपड़े पहने वो अलग ही माल दिखने लगी. उसकी चूचियां टीशर्ट में बहुत सेक्सी लग रही थीं. उसकी गांड लोअर में बिल्कुल अलग ही शेप में दिखाई दे रही थी. उसकी चूचियां टीशर्ट में यहां वहां झूल रही थीं. मुझे साफ पता लग रहा था कि उसने नीचे से ब्रा भी नहीं पहनी हुई है.

मैं उसको घूर रहा था. वो मेरे पास बेड पर आकर बैठ गयी.
मुझसे कहने लगी- रॉकी, मुझे तुमसे प्यार हो गया है. मैं तुम्हें पसंद करने लगी हूं.

मेरे पूरे शरीर में करंट सा दौड़ पड़ा.
अब मेरे अंदर भी सेक्स जाग चुका था. मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिये. हम दोनों एक दूसरे के होंठों को चूसने लगे. यह हमारी पहली किस थी जो लगभग दस मिनट तक चली. मेरा लंड फटने को हो गया था.

फिर वो अलग होते हुए बोली- रॉकी, आज मैं तुम्हारी हू. मैं अपने आप को तुम्हें सौंप रही हूं. तुम जो चाहो कर सकते हो.
हम दोनों फिर से एक दूसरे को बुरी तरह से चूमने और चूसने लगे. कभी गर्दन पर तो कभी गालों पर. कभी माथे पर तो कभी कानों पर. दोनों एक दूसरे को जैसे खा जाना चाहते थे.

उसके बाद दीक्षा ने मेरी टीशर्ट उतारनी शुरू कर दी और मेरी छाती को चूमने लगी. मेरे पूरे बदन में झनझनाहट हो रही थी. पहली बार कोई लड़की मेरे बदन को इतने प्यार से चूम रही थी.
वो बोली- मैं तुम्हें पहले दिन से ही पसंद करती थी. तुमसे चुदना चाह रही थी. जिस दिन से मैंने तुम्हें देखा था उसी दिन से मैं तुमको पाने की कोशिश कर रही थी रॉकी.

दीक्षा मेरे बदन को बहुत ही मदहोशी में चूम रही थी. जैसे उसने कभी किसी मर्द के बदन को छुआ ही न हो. उत्तेजना मैं मैंने भी उसकी चूचियों को उसके टीशर्ट के ऊपर से दबाना शुरू कर दिया था.

काफी देर तक वो मेरे बदन को चूमती रही. फिर मैंने उसे नीचे कर लिया और खुद उसके ऊपर आ गया. अब मेरे अंदर का शैतान जाग गया था. मैंने उसकी टीशर्ट को निकलवा दिया और उसकी चूचियों को नंगी कर दिया.

मैं उसकी बड़ी बड़ी चूचियों को दबाते हुए पीने लगा. उसके मुंह से मजे के कारण सिसकारियां निकलने लगीं. आह्ह … रॉकी … अम्म … आई लव यू … उफ्फ जान … स्सस … करके वो तेज तेज आवाजें करने लगी. मैं भी उसके बदन को जैसे निचोड़ने लगा.

दीक्षा मेरी पीठ पर नाखून गड़ाने लगी. वो मेरे बालों को पकड़ कर खींचने लगी. मेरे सिर को अपनी चूचियों पर दबाने लगी. मैं भी उसको जोर से चूसता रहा.

फिर वो बोली- मुझे आज तुम्हारे लंड की सैर करनी है जानू … मुझे अपने लंड की सवारी करवा दो।
मैंने कहा- हां मेरी जान … अभी करवाता हूं.

मैंने दीक्षा की लोअर को निकाल दिया. उसकी पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत को चाटने लगा. मुझे पहली बार इतनी हॉट लड़की की चूत मिली थी. लाइन तो बहुत लड़कियों ने मारी थी मुझ पर लेकिन एक हॉट लड़की खुद ही चुदने के लिए बेताब थी आज.

फिर मैंने उसकी गीली पैंटी को निकाल दिया. जैसे मैंने उसकी पैंटी उतारी तो उसकी गुलाबी चूत मेरी आंखों के सामने नंगी हो गयी. मैंने एक दो पल तो उसकी चूत को देखा और फिर उसकी चूत को सूंघने लगा. उसकी चूत में से मादक सी खुशबू आ रही थी.

एकदम से मैं उसकी चूत को चूसने लगा. मैंने उसकी चूत में जीभ दे दी. उसकी चूत से पानी निकल रहा था. मैं उसकी चूत के पानी का स्वाद लेने लगा.

वो सिसकारने लगी- आह्ह रॉकी … चूस लो इसको. आज ये तुम्हारी है.
वो मेरे सिर को पकड़ कर अपनी चूत पर दबाने लगी. मैं भी उसकी चूत में जीभ देकर उसको चाटता रहा.

जब उससे रहा न गया तो उसने मेरी लोअर को भी निकाल दिया. मेरे अंडरवियर को खींच कर मुझे नंगा कर दिया. उसने मेरे लंड को हाथ में ले लिया. वो नीचे झुकी और मेरे लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी.

वो सच में बहुत ही प्यासी थी. फिर मैंने उसको 69 की पोजीशन में कर लिया. वो मेरे लंड को चूसने लगी और मैं उसकी चूत को चाटने लगा.

मुझसे अब बर्दाश्त नहीं हो रहा था. ऐसा ही हाल दीक्षा का भी था.
उसने लंड को मुंह से निकाला और बोली- बस अब चोद दो यार … मैं पागल हो रही हूं.

मैंने उठ कर उसकी टांगों को फैला दिया. उसकी चूत को अपने हाथ से सहलाया तो उसकी सिसकारियां निकल रही थीं. वो चुदने के लिए तड़प रही थी.

मैंने उसकी चूत पर लंड को रख दिया. अब मेरा लंड उसकी चूत में जाने के लिए तैयार था. मेरे लंड का लाल सुपारा उसकी गुलाबी चूत पर रखा हुआ बहुत ही सुंदर लग रहा था. ऐसी हॉट लड़की की चूत मारने को मिल रही थी मुझे.

हॉट सेक्सी देसी गर्ल की चूत पर लंड को रख कर मैंने एक शॉट मारा लेकिन लंड फिसल गया. उसने मेरे लंड को चिकना कर दिया और उसकी चूत भी पानी छोड़ कर चिकनी हो गयी थी. वैसे भी दीक्षा की चूत काफी टाइट थी.

फिर मैंने उसकी चूत पर तेल लगाया और उसकी चूत पर फिर से अपने लंड का सुपारा रख दिया. जब मैंने धक्का मारा तो आधा लंड उसकी चूत में उतर गया.

इसके साथ ही मैं उसके ऊपर झुक गया और उसके होंठों पर अपने होंठों को रख दिया क्योंकि मेरा लंड काफी बड़ा था. वो चिल्लाती इससे पहले ही मैं उसके होंठों को चूसने लगा. मैं कुछ पल तक उसके होंठों को चूसता रहा और लंड को वहीं पर रखा.

फिर मैंने धीरे से दूसरी बार धक्का मारा और लगभग पूरा लंड उसकी चूत में घुसा दिया. इतने में ही उसकी आंखों से आंसू निकल आये.
वो बोली- बेबी, एक बार इसे बाहर निकाल लो. बहुत दर्द हो रहा है.
मुझे उस पर रहम तो आ रहा था लेकिन अगर मैं लंड को बाहर निकाल देता तो फिर दोबारा डालने में बहुत मुश्किल हो जाती.

मैं उसके होंठों को पीता रहा और रुका रहा. कुछ देर के बाद उसका दर्द कम हो गया. फिर मैंने धीरे धीरे दीक्षा की चूत को चोदना शुरू कर दिया. अब उसको भी मजा आने लगा और वो मेरा साथ देने लगी. अब वो खुद ही अपनी चूत को मेरे लंड की ओर उछाल कर चुदवा रही थी.

कुछ ही देर के बाद उसके मुंह से सिसकारियां निकलने लगीं. वो बोली- उम्म्ह… अहह… हय… याह… रॉकी मुझे अपनी रंडी बना लो. चोद दो मुझे जोर से… आह्हह … मेरी जान।
मेरा जोश भी पूरा बढ़ता जा रहा था. मैं तेजी से उसकी चूत को पेलने में लगा हुआ था.

दस मिनट तक मैंने उसकी चूत चोदी और फिर उसकी चूत में ही झड़ गया. हम दोनों काफी देर तक एक दूसरे के साथ नंगे पड़े रहे. फिर हम बाथरूम में गये और साथ में ही शावर लेने लगे.

नहाते हुए मैंने उसकी गांड में उंगली दे दी. मेरा लंड फिर से खड़ा होने लग गया था.
वो बोली- नहीं रॉकी, अब नहीं. मैं बहुत थकी हुई हूं. अब और नहीं करना है. तुम गांड फिर कभी किसी और दिन मार लेना.

मगर मैं कहां मानने वाला था. बाथरूम में ही तेल की शीशी रखी हुई थी. मैंने अपने लंड पर तेल लगाया और उसकी को लगा दिया. पीछे से मैं उसकी चूचियां दबाने लगा. हम दोनों के बदन भीगे हुए थे लेकिन गर्म होकर तप रहे थे.

मैंने धीरे धीरे उसकी गांड में लंड घुसाना शुरू कर दिया. जैसे ही लंड अंदर गया वो छूटने की कोशिश करने लगी लेकिन मैं उसकी पीठ पर चूमने लगा. फिर मैंने थोड़ा सा लंड और धकेला और इस तरह से पूरा लंड उसकी गांड में उतार दिया.

लड़की की गांड चुदाई का मजा पहली बार मिल रहा था मुझे. उसको दर्द हो रहा था मगर मैंने उसका मुंह अपनी तरफ कर लिया और उसके होंठों को चूसने लगा. फिर वो काफी देर के बाद सामान्य हुई और मैंने उसकी गांड को चोदना शुरू कर दिया.

मैंने बाथरूम के अंदर ही उसकी गांड चोद डाली. जब मेरा माल निकलने को हुआ तो मैंने कहा कि मेरा होने वाला है.
वो बोली- मैं पीना चाहती हूं तुम्हारा माल.
मैंने लंड को बाहर निकाल दिया.

दीक्षा अपने घुटनों के बल मेरे सामने बैठ गयी और मेरे लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी. एक दो बार धक्का देने के साथ ही मेरे लंड ने वीर्य उसके मुंह में छोड़ दिया.

उसने मेरे सारे वीर्य को पी लिया. वो उसको ऐसे निचोड़ रही थी जैसे उसको वीर्य पीना सबसे ज्यादा पसंद हो. उसने मेरे लंड को पूरा निचोड़ लिया.

चाट-चाट कर दीक्षा ने मेरा लंड साफ कर दिया. फिर मैं उसको गोदी में उठा कर बाहर ले आया और उसको बेड पर लिटा दिया. उसके बाद मैं भी उसके पास ही लेट गया और हम दोनों सो गये.

शाम को मैंने दीक्षा को उसके घर पर ड्रॉप कर दिया. उसके बाद हमने कई बार सेक्स किया. हमारे बीच में काफी कुछ हुआ. वो सब कहानी मैं आपको फिर कभी बताऊंगा कि कैसे हमने कोचिंग क्लास में भी सेक्स का मजा लिया.

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