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प्यासी चूत की इच्छापूर्ति

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आज मैं जो बताने जा रहा हूँ, वो एकदम सच्ची सेक्स कहानी है. ये घटना अभी कुछ महीने पहले की ही है.

छह मई 2018 को मैंने एक नेट पर पोस्ट की थी. उसमें मैंने खुद को एक कॉल ब्वॉय बताया था और प्यासी चुत के लिए मजबूत लंड उपलब्ध है … ऐसा करके मैंने लिखा था.

पहले तो मुझे लगा था कि ये सब टाइम पास करने का जरिया है … और फालतू का काम है.

मैं कितना गलत था, इसका उत्तर मुझे पांच दिन बाद ही मिल गया. उस दिन मेरी मेल आईडी पर एक मेल आया.

मैं उस मेल को पढ़ कर चकित हो गया. मेल भेजने वाली एक तलाकशुदा महिला थी. उसका नाम शालिनी था. मैंने उसकी गोपनीयता के चलते नाम बदल दिया है. उसके मेल में लिखा था कि वो मुझसे मिलना चाहती है.

मैंने जबाव दिया- मैं राजी हूँ. मुझे कब और किधर आना होगा.
उसने मुझे मेल पर ही जबाव देते हुए जगह और दिन का हवाला दिया.

मैं उसके बताए हुए पते पर चला गया. यह जगह उसका घर ही थी.

जब मैं उसके घर के बाहर पहुंचा, तो मैंने इधर उधर देखा और उनके घर के कंपाउंड में दाखिल हो गया.
मैंने दरवाजे की घंटी बजाई. कुछ पल बाद जैसे ही दरवाजा खुला, सामने खड़ी मैडम को देख कर मेरा तो दिमाग़ ही खराब हो गया. क्या मस्त माल लग रही थी वो … एकदम अप्सरा.

मैंने हैलो कहते हुए परिचय दिया कि शायद मेरी आपसे ही मेल पर बात हुई थी.
इस पर उसने स्माइल दे दी.

मैं भी समझ गया कि यही वो प्यासी है, जिसने मुझे चुदाई के लिए बुलाया है.

उसकी स्माइल देख कर मैंने भी स्माइल दे दी. उसने मुझे अन्दर बुला कर सोफे पर बैठने का कहा.

मेरे दाखिल होते ही मोहतरमा ने दरवाजे की कुण्डी लगा दी और मेरी तरफ देख कर मुझे चाय कॉफ़ी के लिए पूछा.
मैंने हंस कर बोला- मैं सिर्फ़ कच्चा दूध पीता हूँ.
इस पर वो हंसने लगी और बोली- वो तो फिलहाल नहीं मिल सकता है … लेकिन उनके बर्तन जरूर मिलेंगे.

मैंने भी हंस कर उसे आंख मार दी.

वो गांड हिलाते हुए अन्दर जाने लगी. मेरी निगाहें उसकी मटकती गांड पर जम गईं. वो मेरे लिए पानी लेकर आई. मैंने उसके हाथ से गिलास लेकर पानी पिया.

उसने मेरे बगल में बैठते हुए मुझसे मेरे बारे में पूछा- तुम तो अभी बड़ी कम उम्र के लगते हो, इस सब काम में कैसे आ गए?
मैं बोला- पढ़ाई के खर्चे के लिए कर लेता हूँ, साथ में कुछ जायका भी बदलता रहता है.
वो हंस कर बोली- अरे वाह ये बढ़िया काम खोजा … इसमें तो दो नहीं बल्कि तीन काम हो जाते हैं.
मैंने उसकी तरफ सवालिया निगाहों से देखा, उसने कहा- तीसरा काम मेरी जैसी की प्यास बुझाने का पुण्य भी तो हो जाता है.
मैं हंस दिया और कहा- अरे हां फिर तो चौथा काम भी होता है.
वो कहने लगी- चौथा क्या?
मैंने कहा- आप जैसी सुन्दर महिलाओं के लिए भी टेस्ट बदलने का साधन हो जाता है.

वो एक बार फिर से खिलखिला दी. उसके गालों में हंसते समय डिम्पल बन रहे थे जिससे उसकी सुन्दरता और भी अधिक मादक लगने लगती थी.

मुझसे रुका नहीं गया और मैंने उसकी सेक्सी फिगर की तारीफ़ कर दी. उसका फिगर 34-30-36 बड़ा ही सेक्सी था.

वो अपने मम्मे मेरी तरफ तानते हुए बोली- दूध के बर्तन कैसे लगे?
मैंने एक आह भरी और उसके दूध घूरते हुए कहा- एकदम मस्त खरबूजे हैं.

इस तरह हम दोनों में बड़े ही कम समय में एक दोस्ताना रवैया बन गया था, जोकि एक परफेक्ट सेक्स के लिए बहुत जरूरी होता है.

तभी उसने मेरे लंड की तरफ देखा, तो मैंने उसकी आंखों का पीछा करते हुए उससे धीरे से कहा- मेरे डिक की साइज़ 6 इंच की है. अभी तक बड़ी शानदार परफॉर्मेंस देता रहा है … रिपीट डिमांड रही है.
वो मेरी तरफ देखने लगी और बोली- चलो कमरे में चल कर देखते हैं कि नतीजा क्या रहता है.

मैंने उसका इशारा समझ लिया और उठ कर खड़ा हो गया. वो मुझे अपने कमरे में ले गयी और मेरे अन्दर आते ही उसने कमरे का दरवाजा बंद कर दिया.

मैं उसके पास गया और अपने होंठ उसके तरफ बढ़ा दिए. उसने भी अपने होंठ मेरी तरफ कर दिए. मैं उसको फ्रेंच किस करने लगा. वो भी मस्त होकर मेरी जीभ और लार को चूसने लगी.

फिर एकदम ट्रेंड कॉलब्वॉय की तरह मैंने उसकी साड़ी को उतारा, वो अब पेटीकोट और ब्लाउज में मेरे सामने थी. उसका गहरे गले का ब्लाउज एकदम चुस्त था, जिससे उसके मम्मों का लगभग आधा हिस्सा साफ़ दिख रहा था. मैंने उसके मम्मों पर हाथ फेरा, तो वो मेरे सीने से चिपक गई. एक मिनट बाद उसने मेरे कपड़े खोल का अलग कर दिए.

अब मैंने उसको ज़ोर से स्मूच किस किया … और लगातार 10 मिनट तक उसके रसीले होंठों को चूसा. उसके होंठ चूसने में इतने मस्त थे कि मैं सचमुच उसकी जवानी में खो सा गया था.

उसके बाद मैंने अपने हाथों से उसके दोनों मम्मों को दबाने लगा. उसकी मादक कराहें और सिसकारियां निकलने लगी थीं. मुझे भी उसके दूध मसलने में बड़ा मजा रहा था.

सच बताऊं दोस्तो … वो एकदम मलिका सेहरावत जैसी माल थी. उसकी चुचियां दिखने में एकदम कठोर और दबाने में जैसे मक्खन. तभी उसने चुदास के चलते अपने ब्लाउज के चटकनी बटन एक झटके में खोल दिए और मेरे सामने उसके बिना ब्रा के चूचे फुदकने लगे. उसकी चूचियों पर गुलाबी रंगत लिए हुए निप्पल इतने कड़क हो चले थे मानो चुत से ज्यादा उनमें आग भरी हो.

मैं उसके निप्पलों को बारी बारी से चूसने लगा. वो सिसकारियां भर रही थी- अहहह … उफ़फ्फ़ ज़ोर से राजा … ये रंडी आज तुम्हारी है … उम्म्ह… अहह… हय… याह… उम्म्म … उफ्फ़ … मैं बहुत दिनों से प्यासी हूँ … अहह … मेरी आज प्यास बुझा दो.

मैं उस खड़ी आग के सामने नीचे घुटनों के बल बैठ गया और उसके पेटीकोट का नाड़ा खींच कर नीचे गिर जाने दिया. उसके बाद मैंने पैंटी के ऊपर से उसकी चुत को अपने नाक की नोक से मसला. वो एकदम से गनगना उठी और मेरे सर को अपनी चुत पर दबाते हुए बोली- आंह आज खा जाओ मेरी इस निगोड़ी चुत को … इसे चोद कर इसकी आग बुझा दो मेरे राजा.

मैंने उसकी पैंटी नीचे कर दी और चुत को जीभ से सहलाने लगा. उसकी टांगें खुद ब खुद फैल गईं और मैंने जीभ की नोक से उसकी सफाचट चुत की फांकों को चाटना आरम्भ कर दिया. बीच बीच में मैं उसकी चुत की मदनमणि को छेड़ता रहा.

कुछ ही देर बाद उसका पानी निकल गया. उसकी चुत के रस का स्वाद बड़ा ही अच्छा था, एकदम नमकीन मलाई की तरह टेस्टी था. मैंने उसकी चुत को चाट कर साफ़ कर दिया और इसके बाद भी चुत को चूसता रहा, जिससे चुत फिर से गर्म हो गई.

वो अब एकदम से अकड़ गयी और बोली- अब मत तड़पाओ … चोद दो मुझे … बहुत प्यासी हूँ … पति के साथ मेरा डाइवोर्स होने के बाद से मैंने कभी चुत नहीं चुदवाई … प्लीज़ आज मुझे चोद कर मेरी प्यास बुझा दो.

उधर वो चुदास की आग में जल रही थी, इधर मेरा लंड तन कर उफान मार रहा था.

मैंने उसको बिस्तर पर चित लिटाया और अपने लंड का सुपारा उसकी रसीली चुत पर रखकर हिलाया.
वो बोली- साले तड़पा मत … .

मैं भी उसकी गाली सुनकर जोश में आ गया और एक ही झटके में 3 इंच लंड चुत के अन्दर डाल दिया.
एकदम से लंड घुसने से वो चिल्लाने लगी- आहह मांम्मह … मर गई निकालो … दर्द हो रहा है.

शालिनी बहुत दिनों के बाद चुद रही थी इसलिए उसकी चुत कस गई थी और उसे दर्द हो रहा था. पर शालिनी के दर्द को अनदेखा करके मैं रुका नहीं और अपना पूरा लंड चूत के अन्दर पेल कर धक्के पर धक्का देता रहा.

पूरा रूम ‘पछ पछ … आ … अहह.’ की आवाजें से गूँज रहा था. मुझे उसकी चुत चुदाई में मज़ा आ रहा था. उसकी सिसकारियां सुनकर मेरा जोश और भी भड़क रहा था.

लगातार 10 मिनट चोदने के बाद मैं झड़ने वाला था. पहली बार की चुदाई में ऐसा इसलिए होता है कि लंड से पानी नहीं निकला होता है, यदि वो मेरे लंड को चूस कर माल निलवा देती … तो शायद उसकी चुत को कम से कम बीस मिनट तक मेरे लंड से सामना करना पड़ता. हालांकि अब तक वो भी 2 बार अपना पानी निकाल चुकी थी.

मैं बोला- मैं झड़ने वाला हूँ.
वो बोली- अन्दर ही झड़ जाओ … मैं गोली खा लूँगी.

फिर दस बारह झटके मारने के बाद मैं उसकी चुत में ही झड़ गया. मैं उसके निप्पल और चुचियों को चूसता और मसलता रहा.
वो मदहोश हो गयी थी. वो मस्त आवाजें निकाल रही थी.

झड़ने के बाद उसने मेरे लंड पर लगा सारा रस पी लिया और लंड का लॉलिपॉप की तरह चूस चूस कर फिर से खड़ा कर दिया.

दस मिनट बाद मेरा लंड फिर खड़ा हो गया और मैंने उसको दूसरी बार चोदा. इस बार मैंने उसे अलग अलग पोज़िशन में चोदा. उसने भी 4 बार रस निकाला. वो मुझसे झड़ जाने के लिए कहने लगी थी … मगर मैं अभी नहीं झड़ा था.

कोई 20 मिनट बाद मेरा रस निकलने वाला था कि मैंने उसकी चुत से लंड खींचा और उसके मुँह में लगा दिया उसने भी किसी रंडी की तरफ मुँह में मेरा लंड भर किया और चूस कर सारा रस उसके मुँह में ही छोड़ दिया.

उस दिन मैंने उसको एक बार और चोदा.

फिर मैंने उस लेडी से पूछा- मैम, अगर आपको पीछे के छेद का शौक हो तो भी बन्दा हाजिर है आपके पिछले दरवाजे को खोलने के लिए?
शालिनी बोली- ना भैया … बिल्कुल नहीं … कई साल पहले मेरे बॉयफ्रेंड ने मुझे फुसला कर मेरी गांड मारने की कोशिश की थी. लेकिन ज़रा सा अंदर जाते ही मुझे इतना दर्द हुआ कि मैंने उसे एकदम अपने पीछे से हटा दिया.
उसके बाद मेरे पति ने भी मेरी बहुत मिन्नतें की लेकिन मैंने उन्हें गांड के पास फटकने नहीं दिया.

उसके बाद वो बोली- तुमने आज मुझे जन्नत दिखा दी … मेरी अन्तर्वासना आज शांत हो गयी. धन्यवाद.

मैं जाने के लिए कपड़े पहन कर रेडी हो गया.

उसने नम्बर देने के लिए कहा, तो हम दोनों ने नम्बर एक्सचेंज किए.
वो बोली- दूसरी बार बुलाऊंगी, तो आ जाना.
मैंने ओके बोला और मैं वहां से चला गया.

आपको एक प्यासी औरत की अन्तर्वासना शांत करने की मेरी चुदाई की कहानी कैसी लगी प्लीज मेल करके जरूर बताना.

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