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चाची पर दिल आ गया – 2

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कान्ता चाची उस वक्त घर में अकेली थी और उसने काले रंग की साड़ी पहनी हुई थी जिसमें वो बहुत ही सेक्सी लग रही थी. वो मुझे कामुक नजरों से देख रही थी. मन कर रहा था कि अभी उसकी साड़ी उठा कर उसकी दूं.

मेरे जाने के बाद उसने मुझे पानी दिया और फिर चाय भी पिलाई. हमने कुछ देर बातें कीं और फिर वो खाना बनाने के लिए चली गयी. उसने आधे घंटे में खाना तैयार कर लिया और हमने साथ में ही खाया.

उतने में ही उसके बच्चे भी आ गये और बच्चों ने भी खाना खा लिया. कान्ता चाची के दो बच्चे थे. एक लड़का 10 साल का और एक लड़की 7 साल की. फिर कान्ता चाची ने सबके बिस्तर लगा दिये. सब लोगों के बिस्तर एक ही कमरे में लगे थे.

मैंने उससे पूछा कि एक ही कमरे में सब सोयेंगे तो हमारा काम कैसे बनेगा?
वो बोली- तुम उसकी चिंता मत करो, वो सब मैं देख लूंगी.

फिर बच्चे मेरा फोन लेकर मूवी देखने लगे. मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था कान्ता के ऊपर. मुझे लगने लगा था कि कान्ता ने मुझे यहां बुला कर चूतिया बना दिया है और वो चूत नहीं देने वाली.

मेरे फोन में मूवी देखते हुए बच्चे 12 बजे तक सो गये. बच्चों के सोने के बाद कान्ता आराम से उठी और फिर मेरी बगल में आकर लेट गयी. मैंने उसके आते ही उसे अपनी बांहों में भर लिया और उसके होंठों से होंठ मिला दिये.

उसके होंठों को चूसते हुए मैं एक हाथ से उसकी चूची दबा रहा था. उसके स्तनों को मैं बहुत तेजी से मसल रहा था. उसे दर्द भी हो रहा था मगर वो आवाज नहीं कर सकती थी क्योंकि बच्चों के उठ जाने का डर था.

मेरा लंड तन कर लोहे जैसा सख्त हो गया था. मैं उसकी चूचियों को ब्लाउज के ऊपर से ही पी रहा था और मैंने उसका ब्लाउज गीला कर दिया था. उसका हाथ मेरे लंड पर पहुंच गया था.

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कान्ता ने मेरे लंड को अपने हाथ से सहलाना शुरू कर दिया. फिर मैंने अपनी पैंट निकाल दी और उसने मेरे कच्छे के ऊपर से मेरे लंड को पकड़ लिया और सहलाने लगी. फिर उसने खुद ही मेरे कच्छे में हाथ दे दिया और मेरे लंड को मुट्ठी में भर लिया.

शायद उसकी चुदास बहुत बढ़ गयी थी और वो मेरे लंड की मुठ मारने लगी. मैंने अपना कच्छा भी नीचे कर दिया और मैंने लंड को खुला छोड़ दिया. अब वो बहुत आराम से मेरे लंड की मुठ मार रही थी. मैं नीचे से पूरा नंगा हो गया था.

मेरे लंड की मुठ मारते हुए उसके मुंह से सिसकारियां निकल रही थी- आह्ह … क्या लंड है तुम्हारा, इस लम्बे हथियार से तो मेरी चूत का भोसड़ा बन जायेगा. आह्ह … आज तो बहुत मजा आने वाला है.

अब मैंने उसके ब्लाउज को उतार दिया और उसकी ब्रा को खींच कर निकाल दिया. चाची की हो गयीं और मैंने उसके बड़े बड़े बूब्स को मुंह में ले लिया. मैं तेजी से उसके बूब्स पर मुंह लगाकर चूसने लगा और उसने मेरे सिर को अपने स्तनों पर दबा लिया.

मैं उसकी चूची चूसता रहा और वो मेरे लंड की मुठ मारती रही. फिर मैंने उसकी साड़ी भी खोल दी और वो पेटीकोट में रह गयी. मैंने पेटीकोट पेट तक उठा दिया और उसकी पैंटी के ऊपर से चाची की चूत को चूम लिया. उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया था जिसकी मदहोश कर देने वाली खुशबू मुझे मेरी नाक में मिल चुकी थी.

अब मुझसे रुका न गया और मैंने उसकी पैंटी भी उतार दी और उसकी चूत को नंगी कर दिया. पर हल्के हल्के बाल उग आये थे. शायद उनसे कुछ दिन पहले ही अपनी झांटें साफ की थीं.

मैंने उसकी चूत पर मुंह रख दिया तो वो मेरे बालों को नोंचने लगी. वो बहुत चुदासी हो गयी थी. फिर मैंने उसे 69 की पोजीशन में कर लिया. मैं उसकी चूत को चूसने लगा और वो मेरे लंड को मुंह में भर कर चूसने लगी. दोनों अपनी ही मस्ती में खो गये.

10 मिनट तक एक दूसरे की चुसाई करने के बाद वो झड़ गयी और मैंने उसकी चूत का सारा रस पी लिया. मुझे बहुत मजा आया. फिर मैं उठा और उसके दोनों पैरों को अपने कंधे पर रखा और लन्ड पर थूक लगाया.

चाची की चूत पर लंड को सेट करके मैंने जोर का झटका लगा दिया. अभी तो टोपा ही गया था कि वो चिल्ला उठी. मैंने उसके मुंह पर हाथ रखा और उसको दबा दिया. फिर मैं उसे किस करने लगा और उसकी चूची दबाने लगा. तब उसे कुछ आराम मिला.

मुझे लगा अगर यहां चाची की चूत मारी तो बच्चे उठ जायेंगे. फिर मैं उसको धीरे से गोदी में उठा कर बाहर ले गया और उसे सोफे पर पटक कर एक बार फिर से उसकी चूचियों को पीते हुए उसकी चूत पर लंड लगा दिया.

मैंने दूसरा धक्का मारा और अबकी बार मेरा लंड पहली ही बार में आधा घुस गया. मैं उसके होंठों को चूसता रहा और उतने में ही मैंने दूसरा धक्का लगा कर अपना पूरा लंड चाची की चूत में ठोक दिया.

मेरा पूरा लन्ड चाची की चूत में समा चुका था. वो दर्द से छटपटा रही थी. मैं थोड़ी देर रूका और फिर धीरे-धीरे अपने लन्ड को आगे पीछे करने लगा. थोड़ी देर में उसे भी मजा आने लगा.

अब वो भी नीचे से गांड उठा उठा कर मेरा आठ इंच का लन्ड अपनी चूत में ले रही थी. ऐसे ही मैं उसे 45 मिनट तक चोदता रहा. अभी ये पहली बार था. लगातार चुदाई करते हुए वो थक गयी थी.

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वो बोली- मैं दो बार झड़ गई हूं. तुम्हारा अभी तक नहीं हुआ? जल्दी करो, अब मुझसे दर्द बर्दाश्त नहीं होता. मैं मर जाऊंगी अगर थोड़ी देर और कर दिया तो।

मैंने देखा कि उसका मुंह सूख चुका था. दर्द से उसका बुरा हाल था. फिर मैंने अपने लंड को उसकी चूत से बाहर निकाल लिया. उसकी चूत का छेद खुल कर चौडा़ सा दिखने लगा था.

मेरा लंड और टट्टे तक चाची की चूत के रस में पूरे के पूरे सन गये थे. उसके बाद मैंने उसकी चूत के रस सना हुआ अपना लंड उसके मुंह में दे दिया और वो मेरे लंड को मस्ती में चूसने लगी.

मुझे भी बहुत मजा आ रहा था. मैंने उसके बालों को पकड़ लिया और उसके मुंह को अपने लंड पर दबाने लगा. वो तेजी से मेरे लंड पर मुंह चलाने लगी. दो मिनट में ही उसका मुंह दुखने लगा और उसका चेहरा लाल हो गया.

मैंने उसके मुंह से लंड निकाला और तेजी से मुठ मारने लगा. उसने देखा कि मेरा नहीं हो रहा है तो फिर उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और मुझे रोक कर फिर से मेरा लंड मुंह में लेकर चूसने लगी.

अबकी बार उसने और शिद्दत से मेरा लंड चूसा और पांच मिनट तक चुसवाने के बाद मेरे लंड का पानी छूट कर उसके मुंह में गिरने लगा. वो मेरे लंड के वीर्य को अंदर ही अंदर गटक गयी.

कान्ता चाची ने मेरे लंड का सारा पानी पी लिया. उसके बाद मैं थक कर लेट गया. फिर दो मिनट के बाद हम उठे और फिर अपने कपड़े पहन कर वहीं पर बच्चों के पास आकर लेट गये.

सुबह 4 बजे के करीब मेरी आंख खुली और मैं कान्ता को फिर से उठा कर ले गया. एक बार फिर से मैंने चाची की चूत मारी और उसकी चूत में ही माल छोड़ दिया.

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