मैम और क्लासमेट का लेस्बियन शो देखा

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आज मैं आपको तब की एक घटना के बारे में बताने जा रहा हूँ जब मैं बारहवीं में पढ़ता था।

हमारे कॉलेज में एक मैडम थी अनू नाम था उनका ! वो हमें गणित पढ़ाती थी, वैसे मैं गणित में कमजोर था पर घर वालों के दबाव से मैंने नॉन मैडिकल में दाखिला ले लिया था।

तो चलिए दोस्तो, कहानी की तरफ चलते हैं !

अनू मैडम बहुत ही सुन्दर थी उनकी उम्र करीब तीस साल की थी और उनका फिगर तो कमाल का था, सच में 34-32-36 का लगता था। वो अपने पति से अलग रहती थी दोनों में तलाक हो चुका था। मेरे घर के पास में ही एक लड़की रहती थी नैना कौर, उसकी उम्र 18 साल थी, वो सिख परिवार से थी। हमारे उनके परिवार से अछे सम्बन्ध थे। नैना भी हमारे ही स्कूल में थी पढ़ती थी। स्कूल टाइम के बाद नैना मैडम अनू जैन के घर पर ट्यूशन पढ़ने जाती थी। मैडम सिर्फ लड़कियों को ही ट्यूशन पढ़ाती थी।

एक दिन स्कूल के छुट्टी होने से कुछ देर पहले बारिश का सा मौसम था, मौसम खराब था तो कुछ देर पहले ही स्कूल की छुट्टी कर दी गई। स्कूल से लगभग सभी लोग जा चुके थे पर बारिश शुरु हो जाने की वजह से कुछ बच्चे फंस गए थे। अनू मैडम का घर स्कूल के पास ही था तो प्रिंसिपल सर ने अनू मैडम को स्कूल के ऑफिस की चाभी दे और कहा- आप तभी जाना जब सभी बच्चे चले जाएँ।

तो नैना अनू मैडम के पास ट्यूशन पढ़ती थी तो वो भी घर नहीं गई। स्कूल के सभी बच्चे घर चले गए थे, सिर्फ नैना और अनू मैडम रह गई थी।

स्कूल के पास ही मेरे चाचा जी का घर था मैं उनके घर चला गया था। जब वापस जाने लगा तो देखा कि स्कूल के गेट में ताला नहीं लगा है, मैंने सोचा सभी लोग तो चले गए हैं फिर अन्दर कौन है? फिर मुझे याद आया कि प्रिंसिपल सर ने अनू मैडम को कहा था स्कूल बंद करके जाने के लिए !

मैंने सोचा कि शायद मैडम भूल गई होगी गेट का ताला लगाना। मैंने स्कूल के दरवाजे को धक्का दिया पर दरवाजा शायद अन्दर से बंद था, खुला नहीं !

फिर मुझे शक हुआ कि मैडम अभी अपने घर गई नहीं है।

हमारे स्कूल के पीछे मैदान है जहाँ बच्चे खेलते हैं और उसकी दीवार ज्यादा ऊँची नहीं है, मैं स्कूल के पीछे गया और दीवार फांद कर स्कूल के पिछले गेट से स्कूल के अन्दर चला गया।

मैंने इधर-उधर देखा, मुझे मैडम कहीं दिखी नहीं। फिर मैं ऑफिस के पास गया तो मैंने देखा कि ऑफिस अन्दर से बंद था और अन्दर से कुछ आवाजें आ रही थी।

मैं हैरान हुआ कि आखिर आवाजें क्यों आ रही हैं? कौन है अन्दर? ऑफिस के साथ ही रिसेप्शन-रूम है, वहाँ से ऑफिस के पेपर लेने-देने के लिए छोटी सी खिड़की बनी है। मैं धीरे से रिसेप्शन-रूम में चला गया और उस छोटी खिड़की से छुप कर अन्दर का नजारा देखने लगा।

अनू मैडम नैना के होंठों को चूम रही थी, चूस रही थी जैसे इंगलिश फिल्मों में करते हैं और मैडम बीच-बीच में नैना के वस्तिस्थल पर भी हाथ फ़िरा रही थी ऊपर से और नैना के वक्ष पर भी !

रह रह कर नैना के मुँह से आह निकल जाती ! जब अनू मैडम नैना के मम्मे दबाती, नैना कहती- मैडम छोड़ दो मुझे ! मुझे अच्छा नहीं लग रहा यह सब !

पर मैडम कह रही थी- कुछ नहीं होता नैना ! मेरा भी बहुत दिल करता है ! मैं तो बस तुम लड़कियों के साथ ही थोड़ा मज़ा कर लेती हूँ। लड़के तो सिर्फ खुद मज़ा लेते हैं और बाहर जाकर हमारी इधर-उधर गा कर इज्जत ख़राब करते हैं ! इससे तो अच्छा है कि हम आपस में ही मज़े करें और किसी को पता नहीं नहीं चले !

और मैडम ने धीरे-धीरे नैना की कमीज़ को ऊपर उठा कर उतार दिया और अब नैना सिर्फ ब्रा में थी।

नैना ने काले रंग की ब्रा पहनी थी, उसकी चूचियाँ ज्यादा बड़ी नहीं तो फिर भी 30 इन्च के करीब होंगी।

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मैडम उसकी चूचियाँ दबाने लगी और दबाते दबाते ब्रा भी खोल कर चूचियों को मुँह में लेकर चूसने लगी। नैना सिसकारी ले रही थी, अनू मैडम उसके चुचूक चूस रही थी और चूत के ऊपर भी हाथ फेर रही थी।

नैना पूरी उत्तेजित हो चुकी थी पर अपनी अध्यापिका के सामने अभी भी शरमा रही थी !

तभी मैडम ने नैना की सलवार भी नीचे सरका दी, नैना की पैंटी जो नीले रंग की थी। आगे से गीली सी दिख रही थी। मैडम ने नैना की पैंटी भी उतार दी। हालांकि नैना ने काफ़ी जद्दोजहद की कि मैडम उसकी पैंटी ना उतार पाएँ लेकिन अनू ने पैन्टी उतार कर ही दम लिया और अब नैना के घुटने पकड़ कर उसकी जांघों को फ़ैलाने का यत्न कर रही थी।

इसी कोशिश में अनू अपना सर उसकी जांघों के बीच ले गई और लम्बे लम्बे सांस भर कर कुंवारी योनि उठ रही मादक गंध का आनन्द लेने लगी।

मैडम ने अपनी एक उंगली नैना की योनि में डालने की कोशिश की मगर उसका योनिपटल आड़े आ गया, मैडम बोली- तू तो अभी तक अनचुदी है? तू कैसे बच गई इस स्कूल के मुश्टण्डों से?

और यह कहते कहते मैडम ने वो उंगली अपने मुँह में लेकर चाट ली।

तब मैडम उसकी चूत के पास जाकर मुँह लगा कर चूत को चाटने लगी।

नैना के मुँह से उह्ह्ह्हह्ह आह्ह्ह्हह्ह की आवाजे आने लगी थी। नैना की चूत में हल्के बाल थे फिर भी चूत बहुत अच्छी लग रही थी। मैडम चूत चाटे जा रही थी और अपने चूचे दबा रही थी।

अब नैना भी पूरे पूरा जोश में चुकी थी, वो भी मैडम की चूचियाँ सहलाने लगी।

फिर मैडम में अपने भी पूरा कपड़े उतार कर पूरी नंगी हो गई। बाहर बारिश तेज की पड़ने लगी थी, अन्दर नैना और मैडम मस्त थी, सोच रहे होंगी कि वे पूरे स्कूल में अकेली हैं पर मैं सब कुछ छुप कर देख रहा था।

अब नैना को मैडम ने कहा- नैना, तू मेरे मोम्मे चूस ! दबा जोर जोर से !

नैना जोर जोर से मैडम के मोम्मे चूसने, दबाने लगी तो मैडम के मुझ से भी सिसकारियाँ निकलने लगी- उह्ह्ह्ह आःह्ह्ह उईईईए !

दोनों अपनी मस्ती में मस्त थी, फिर अनू मैडम नैना की चूत चाटने लगी, नैना मजे से सिसकार रही थी और गांड उठा उठा कर चूत चटवा रही थी।

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तभी नैना की चूत से ढेर सारा पानी निकलने लगा और वो ढीली पड़ गई। पर अनू अभी भी पिली पड़ी थी।

जब नैना ने मैडम को अपनी योनि से हटा दिया तो अनू ने उसे कहा- नैना, अब तू मेरी चूत चाट !

नैना ने मना किया पर मैडम के जोर देने पर वो चाटने लगी। मैडम भी मजे से चटवा रही थी चूत- सीईईई आईई जोर से चाट ! मैडम कह रही थी और ऊपर नीचे गांड उछाल रही थी।

मैडम भी थोड़ी देर बाद झर गई। फिर दोनों साथ ही सोफे पर आराम करने लगी अनू मैडम फिर से नैना के नंगे बदन को चूमने लगी और उसकी चूचियों के चुचूक चूसने लगी। अब नैना भी खुल गई थी मैडम से और वो भी मैडम के वक्ष पर हाथ फ़िरा रही थी, चूचे दबा रही थी।

फ़िर दोनों एक दूसरे को चूमने लगी और एक दूसरी की चूत में उंगली करने लगी, सिसकारने भी लेने लगी।

मैं यह सब देखता रहा, फिर दोनों एक दूसरी की चूत चाटने लगी। फिर अनू मैडम ने नैना को कहा- नैना, बहुत हो गया ! चल अब यह मार्कर(मोटा पैन) मेरी चूत में डाल कर अन्दर-बाहर कर !

नैना ने मार्कर अपने हाथ में लिया और धीरे से मैडम की चूत के अन्दर घुसा कर आगे-पीछे करने लगी और अनू मैडम ऊऊ ऊऊई ईई आअई ईईईई उफ्फ्फ फ्फ्फ् कर रही थी और नैना की चूचियों को कभी भी जोर से दबा देती जिससे नैना भी मजे में आ जाती। ऐसे ही नैना ने मैडम की चूत के अन्दर करीब दस मिनट तक मार्कर अन्दर-बाहर करती रही और मैडम ऊऊऊईई आई ईईईए उफ्फ करती रही और फिर नैना का हाथ पकड़ कर खुद ही जोर जोर से मार्कर अन्दर बाहर करवाने लगी। और अनू

कुछ देर बाद मैडम ने फिर से ढेर हो गई और उन्होंने राहत की सांस ली।

नैना ने पूछा- मैडम थक गई?

अनू मैडम ने कहा- हाँ नैना, मैं थक गई पर अभी तुम्हारा काम तो बाकी है ! करती हूँ अभी !

थोड़ी देर बाद मैडम जोश में आई और नैना के नन्हें स्तनों को जोर से चूसने लगी, करम जीत के मुँह से फिर सिसकारियाँ निकलने लगी- उईईए मैडम उफ्फ्फ सीईई !

फिर अनू मैडम नैना की चूत के दाने को सहलाने लगी जिससे नैना ऊपर, दाएँ-बाएँ उछल पड़ती और धीरे धीरे उंगली उसकी चूत के अन्दर ले गई।

नैना की चीख सी निकल पड़ी, पता नहीं दर्द से या आनन्द से !

शायद उसने कभी सेक्स नहीं किया था !

नैना के मुँह से जोर से आवाज हुई तो मैडम ने नैना के मुँह पर अपना मुँह रख लिया और चुम्बन करने लगी। नैना की योनि से खून निकलने लगा था नैना की झिल्ली फ़ट गई थी शायद।

थोड़ी देर मैडम ने उंगली वैसे ही नैना की चूत में रखी और उसे चूमती रही। नैना जब कुछ सामान्य हुई तो मैडम ने उंगली अन्दर-बाहर करने लगी। अब नैना को भी मजा आने लगा था। नैना उई ईई ईई ईए आह्ह्ह कर-कर के मैडम से उंगली अन्दर-बाहर करवा रही थी और खुद ही अपने मम्मे दबा-दबा कर मजे ले रही थी। फिर थोड़ी देर बाद नैना भी चरमसीमा पर पहुँच गई और मैडम का हाथ पकड़ लिया और जोर जोर से चूत के अन्दर करवाने लगी और फिर मैडम की उंगली को अपने अन्दर ही दबा लिया और झर गई।

अनू मैडम की उंगली खून और नैना के योनिरस से भीगी हुई थी। फिर थोड़ा आराम करने के बाद मैडम और नैना ने अपने कपड़े पहने, अपने आप को ठीक किया और घर जाने के लिए बाहर देखने लगी पर बारिश हो रही थी।

फिर दोनों बैठ गई, बातें करने लगी।

अनू मैडम ने पूछा- नैना, कैसा लगा?

नैना मुस्कुरा कर बोली- मैडम, बहुत मजा आया ! आपने सच कहा कि अगर यही हम किसी लड़के के साथ करते या करवाते तो वो किसी न किसी को जरूर बता देता ! इससे अच्छा तो यही है की हम लड़कियाँ लड़कियाँ ही सेक्स करें और मज़े लूटें ! इज्जत भी बची रहेगी और मज़े तो मिलेंगे ही। सच मैडम बहुत मजा आया !

अनू ने में नैना को गले लगा लिया और बातें करने लगी। फिर बारिश कम हो गई और दोनों घर चलने की तैयारी करने लगी तो मैं भी धीरे से बाहर निकल गया और अपने घर चला गया।

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